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Nal Jal Yojana: खुद पर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया Deputy CM ने, विपक्ष को दी ये सलाह

भ्रष्टाचार के नींव पर खड़े होने वाले नेता प्रतिपक्ष दूसरे को जीरो टॉलरेंस का पाठ पढ़ा रहे हैं. एनडीए के चाल और चरित्र पर सवाल उठाने के पहले सदन के विरोधी दल के नेता को अपनी पार्टी के चाल चरित्र और चेहरा को भी गौर से देखना चाहिए.
 

नल जल योजना में परिजनों को ठेका दिलवाने के आरोपों में फंसे बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने इस पूरे मामले को लेकर चुप्पी तोड़ी है। तारकिशोर प्रसाद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगाया गया आरोप तथ्यहीन एवं बेबुनियाद है और राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। बता दें, राज्य सरकार की बड़ी योजना नल जल योजना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार ने खुलासा किया है कि नल जल योजना में तारकिशोर प्रसाद की बहू पूजा कुमारी, उनके साले प्रदीप कुमार भगत समेत अन्य करीबी भी को 53 कोरड़ का ठेका मिला है। 

तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि 'हर घर नल का जल' बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना है एवं इन योजनाओं के क्रियान्वयन में संबंधित विभागों द्वारा सरकार की मार्ग निर्देशिका के मुताबिक कार्य सुनिश्चित कराया गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आम आवाम को प्रत्येक घरों में पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है। इस योजना की सफलता से घबरा कर विपक्ष अनर्गल बात कर रहे हैं। 

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर में जिन दो प्रतिष्ठान/कंपनियों का जिक्र किया गया है उनमें मेरे परिवार या मेरे ससुराल का कोई सदस्य शामिल नहीं है। कटिहार जिला अंतर्गत के आने वाले 2800 स्कीमों में से भवाड़ा पंचायत के 04 वार्डों में सिर्फ चार स्कीम का कार्य मेरे परिवार की पूजा कुमारी द्वारा किया गया है। यह कॉन्ट्रैक्ट सरकार के मार्ग दर्शन में पीडब्ल्यूडी कोड, निविदा प्रक्रिया एवं नियमों के मुताबिक वर्ष 2019 में ही किया गया था।

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तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि बिहार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के पूर्व प्रसांगिक चारों स्कीमों के कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो चुके थे। ऐसी स्थिति में मैं किस प्रकार डिप्टी सीएम के पद का इस्तेमाल कर सकता हूं? प्रकाशित खबर में जिस प्रकार से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर साजिश के तहत पेश किया गया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने चार बार लगातार कटिहार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर जनता की सेवा की है। मैंने सार्वजनिक जीवन में जनसरोकार एवं जनापेक्षी मुद्दों को तरजीह दी है। मैंने हमेशा प्रदेश और देश हित में आम जनता, गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में अपने को समर्पित किया है और मेरा यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा।

राजद नेता "5 करोड़ लेकर टिकट नहीं देने के मामले में" आए कोर्ट के निर्णय तथा इसके बाद दर्ज हुई प्राथमिकी से जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्ष के नेता को एनडीए सरकार पर आरोप लगाने से पहले अपने इतिहास को भी देखना चाहिए। ताज्जुब इस बात का है कि भ्रष्टाचार के नींव पर खड़े होने वाले नेता प्रतिपक्ष दूसरे को जीरो टॉलरेंस का पाठ पढ़ा रहे हैं। एनडीए के चाल और चरित्र पर सवाल उठाने के पहले सदन के विरोधी दल के नेता को अपनी पार्टी के चाल चरित्र और चेहरा को भी गौर से देखना चाहिए। विरोधी दल के नेता द्वारा बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के कार्यकलापों पर सवाल उठाना उनकी राजनीतिक हताशा को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 15 वर्षों में बिहार की अस्मिता एवं गौरव को प्रतिस्थापित करते हुए संपूर्ण राज्य में आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों के कल्याण और उनकी सुविधाओं के मद्देनजर योजनाओं को संचालित कर संस्थागत कार्य सुनिश्चित किए गए हैं, जिसकी गवाह देश और प्रदेश की जनता है। विकसित बिहार एवं आत्मनिर्भर बिहार के सपने और संकल्प को पूरी एकजुटता और निष्ठा के साथ हमलोग हर हाल में पूरा करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष सत्ता में आने के लिए स्वप्न देखना बंद करें। उन्हें सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए और सकारात्मक प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, अन्यथा "बने बात में झगड़ा डालो, कुछ तो पंच दिलाएगा" वाली कहावत में नेता, विरोधी दल को कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। झूठे और निराधार आरोपों से न तो पंच कुछ देने वाले हैं, न ही परमेश्वर खुश होने वाले हैं। इसलिए विपक्ष को बिहार के विकास में सकारात्मक योगदान देना चाहिए।

Nal Jal Yojana: CM ने तारकिशोर प्रसाद से मांगा है जवाब- https://newshaat.com/bihar-local-news/nal-jal-yojana-cm-has-sought-answer-from-tarkishore-prasad/cid5275778.htm