ISM पटना में राष्ट्रीय प्रबंधन शिखर सम्मेलन का भव्य आगाज़, शोध और नवाचार पर हुई गहन मंथन
Bihar news: राजधानी पटना स्थित इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (ISM) शुक्रवार को ज्ञान, शोध और नवाचार का बड़ा केंद्र बनकर उभरा, जब संस्थान में 9वें राष्ट्रीय प्रबंधन शिखर सम्मेलन एवं शोध सम्मेलन–2025 (NMSRC-2025) का विधिवत शुभारंभ हुआ। ‘रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल’ और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह दो दिवसीय सम्मेलन “चेंजिंग लैंडस्केप: नेविगेटिंग ट्रांजिशंस” विषय पर केंद्रित है।
सम्मेलन के पहले ही दिन देशभर से आए शिक्षाविदों, उद्योग विशेषज्ञों और शोधार्थियों की भागीदारी ने इसे खास बना दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सम्मेलन चेयरपर्सन डॉ. श्वेता रानी ने की। उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व वित्त विशेषज्ञ डॉ. कामेश्वर ओझा, बेंगलुरु से डॉ. ए. के. वर्मा और डॉ. पूर्णिमा कुमारी ने बदलते प्रबंधन परिदृश्य और नई चुनौतियों पर अपने विचार रखे।
सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण सहायक प्राध्यापक डॉ. आनंद चौधरी की पुस्तक “एन इकोनॉमिक गेम चेंजर: बिहार रूरल टूरिज्म (मिथिला हाट के संदर्भ में)” का विमोचन रहा। विशेषज्ञों ने इसे बिहार के ग्रामीण पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण शोध बताते हुए कहा कि यह अध्ययन राज्य की पर्यटन संभावनाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिला सकता है।
इस वर्ष सम्मेलन को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों से विद्वान ऑनलाइन भी जुड़ सके। कुल 100 शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण प्रस्तावित है, जिनमें से पहले दिन 35 शोध पत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। पीजीडीएम, एमबीए और एमसीए के छात्रों के लिए यह सम्मेलन प्रबंधन की आधुनिक रणनीतियों और शोध दृष्टिकोण को समझने का एक प्रभावी मंच साबित हुआ।
संस्थान के चेयरमैन समरेन्द्र सिंह, वाइस-चेयरमैन देवल सिंह और सेक्रेटरी अमल सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित यह सम्मेलन शनिवार को भी जारी रहेगा। कार्यक्रम का संचालन स्वाति सवर्ण और अनस रईस ने किया, जबकि पहले तकनीकी सत्र की जिम्मेदारी रगदा जावेद और अफरीन जहां ने संभाली।
शोध, नवाचार और बदलते प्रबंधन परिदृश्य पर केंद्रित यह शिखर सम्मेलन शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।







