Movie prime

बिहार में नया कानून: दुकानों और गिग वर्करों के लिए सुरक्षा कवच, बिना नोटिस नौकरी से नहीं निकाल सकेंगे मालिक

 
दुकानों और गिग वर्करों के लिए सुरक्षा कवच, बिना नोटिस नौकरी से नहीं निकाल सकेंगे मालिक

बिना नोटिस नौकरी से हटाया तो मालिक को देना होगा 1 महीने का वेतन

हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं, रोजाना अधिकतम 9 घंटे ड्यूटी

10 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों का होगा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

गिग वर्करों (होम डिलीवरी आदि) को 3 महीने का मातृत्व अवकाश और न्यूनतम मजदूरी

ड्यूटी पर मौत होने पर परिवार को 4 लाख रुपये, घायल होने पर 5,400 से 16,000 रुपये तक मुआवजा

दिव्यांग होने पर 74,000 से 2.5 लाख रुपये तक सहायता राशि

गिग वर्करों के लिए बनेगा विशेष बोर्ड

Patna: बिहार सरकार ने दुकानों, प्रतिष्ठानों और गिग वर्करों के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब कोई भी मालिक मनमर्जी से कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाल सकेगा। साथ ही होम डिलीवरी और गिग वर्करों के लिए भी सुरक्षा और लाभ सुनिश्चित किए गए हैं।

क्या है नया कानून?

  • राज्य सरकार ने ‘बिहार दुकान एवं प्रतिष्ठान (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) अधिनियम 2025’ लागू कर दिया है। इसका गजट प्रकाशन भी हो गया है। अब छह महीने से ज्यादा समय से काम कर रहे किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले मालिक को 30 दिन पहले नोटिस देना होगा या फिर एक महीने की सैलरी देनी होगी।

काम के घंटे और ओवरटाइम
    •    कर्मचारियों से हफ्ते में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जा सकेगा।
    •    रोजाना 9 घंटे से ज्यादा ड्यूटी पर रोक रहेगी।
    •    अगर कोई कर्मचारी अतिरिक्त समय तक काम करता है तो उसे ओवरटाइम का उचित भुगतान करना होगा।

किन प्रतिष्ठानों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन?
    •    10 से कम कर्मचारियों वाले दुकानों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं।
    •    10 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को 6 महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

गिग वर्करों के लिए नया अधिनियम

बिहार सरकार ने ‘बिहार प्लेटफॉर्म आधारित गिग कामगार (निबंधन, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण) अधिनियम 2025’ भी लागू किया है।

इसके तहत-
    •    महिला गिग कामगारों को गर्भावस्था और प्रसव के दौरान 3 महीने का मातृत्व अवकाश मिलेगा।
    •    इस अवधि में उन्हें न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी।
    •    दुर्घटना या ड्यूटी पर मौत की स्थिति में मुआवजा सुनिश्चित होगा।

दुर्घटना या मृत्यु पर मुआवजा
    •    ड्यूटी के दौरान मौत होने पर परिजन को 4 लाख रुपये।
    •    1 हफ्ते से ज्यादा अस्पताल में भर्ती होने पर 16,000 रुपये।
    •    1 हफ्ते से कम भर्ती होने पर 5,400 रुपये।
    •    दुर्घटना में दिव्यांग होने पर 74,000 से 2.5 लाख रुपये तक की सहायता राशि।

बोर्ड का गठन

गिग वर्करों का पंजीकरण और उन्हें लाभ दिलाने के लिए सरकार एक विशेष बोर्ड बनाएगी। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, गिग वर्करों के प्रतिनिधि और कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।