70 हजार करोड़ का बकाया हिसाब नहीं: नीतीश सरकार ने तीन बड़े विभागों की निकासी पर लगाई रोक
Patna: बिहार में वित्तीय गड़बड़ियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कैग (CAG) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कई विभागों ने अब तक करीब 70,000 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दिया है। इस पर अब नीतीश सरकार ने सख्त रुख अपनाया है और तीन बड़े विभागों पंचायती राज, नगर विकास और शिक्षा विभाग की निकासी पर रोक लगा दी गई है।
कौन-कौन से विभाग फंसे?
वित्त विभाग ने साफ कर दिया है कि जब तक ये विभाग पिछला खर्च का पूरा लेखा-जोखा जमा नहीं करते, तब तक ये कोई नई राशि बैंक या कोषागार से नहीं निकाल पाएंगे। सरकार के मुताबिक सबसे ज्यादा बकाया पंचायती राज विभाग पर है। नीचे देखिए किन विभागों पर कितना पैसा बकाया है:

सहकारिता विभाग का बकाया भी है, लेकिन उसकी सही राशि की जानकारी अभी नहीं दी गई है।
18 महीने में देना होता है हिसाब, नहीं दिया तो...
सरकार के नियमों के अनुसार, अगर किसी विभाग ने आकस्मिक खर्च (AC बिल) या एडवांस राशि ली है, तो उसे 18 महीने के भीतर उसका पूरा ब्योरा (DC बिल) देना होता है। लेकिन जब लंबे समय तक कोई जानकारी नहीं दी जाती, तब सरकार को मजबूरन एक्शन लेना पड़ता है। फिलहाल वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है कि जब तक पिछला हिसाब पूरा नहीं दिया जाएगा, तब तक तीनों विभागों की नई फंडिंग रोक दी गई है।
क्या है UC, AC और DC बिल? यहां समझिए
- UC (Utilization Certificate): सरकार को बताना होता है कि जो पैसा मिला था, वह किस काम में और कैसे खर्च हुआ।
- AC (Abstract Contingent Bill): तुरंत जरूरत पड़ने पर एडवांस में लिया गया पैसा, जिसे बाद में डिटेल में बताया जाता है।
- DC (Detailed Contingent Bill): AC बिल का पूरा ब्योरा-कितना पैसा, कहां और किस पर खर्च हुआ।
विपक्ष ने उठाए सवाल, तेजस्वी यादव ने कहा “घोटाला”
विपक्ष अब इस मुद्दे को लेकर आक्रामक हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 70 हजार करोड़ का घोटाला है। RJD की ओर से पोस्टर तक जारी किए गए हैं, जिसमें नीतीश सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग की गई है।
सरकार ने तीन विभागों की निकासी रोक दी है, लेकिन क्या बाकी विभाग भी रडार पर हैं? क्या विपक्ष इस मुद्दे को विधानसभा तक ले जाएगा और क्या अगले कुछ दिनों में और बड़ी कार्रवाई होगी? ये सवाल अब हर किसी के मन में हैं लेकिन इतना तय है कि ये मामला जल्द थमने वाला नहीं है।







