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एक राष्ट्र एक अभियंत्रण सेवा नियम लागू हो- इंडेफ

 

किसी भी देश के विकास में अभियांत्रिकी का बहुत ही महत्व है. हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है. अपने देश भारत के विकास के लिए जितने भी विभागों का गठन किया गया है, उनमें अभियंत्रण विभाग का विशेष महत्व है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पथ निर्माण, भवन निर्माण, परिवहन, कृषि जल संसाधन, सिंचाई, लघु सिंचाई, स्वास्थ्य आदि विभागों को उदाहरण के तौर पर गिनाया जा सकता है. इसमें कोई संदेह नहीं कि वर्तमान समय में विकासशील भारत भविष्य में विकसित भारत बनने की दिशा में तीव्र गति से चहुंमुखी विकास के पथ पर अग्रसर है. विकास के हर क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अभियंत्रण विज्ञान की अहम भूमिका रही है. बावजूद इसके हमारे देश भारत में अभियंत्रण क्षेत्र हमेशा से उपेक्षित रहा है. विभिन्न राज्यों में तकनीकी कार्यों को करने के लिए अलग-अलग प्रावधान और प्रक्रियांए है. यहां तक कि एक ही राज्य में अलग-अलग विभागों में कार्य करने के लिए तौर-तरीकों में अंतर होता है. एक ही विभाग में अभियंताओं के बुनियादी ढांचे और सेवा प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रावधान होते है. अगली पीढ़ी की प्रगति और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जाने लगी है. 

ई० राकेश कुमार प्रचार सचिव, इंडेफ ने जानकारी दी है कि भारतीय अभियंताओं के महासंघ इंडेफ़ जो कि देश के केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय 42 अभियंत्रण सेवा संगठनों का एक मात्र पंजीकृत मंच है. जिसके अभियंता सदस्यों की संख्या दो़ लाख से भी अधिक है, विगत कुछ दशकों से आज के बदलते टेक्नोलॉजी के दौर में तकनीकी क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति और तकनीकी कार्यों के निष्पादन के नियमों, प्रक्रियाओं और प्रावधानों में संशोधन करने के साथ-साथ, तकनीकी शिक्षा और सेवा शर्तों में भी संशोधन की आवश्यकताओं के मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश कर रहा है. इसी क्रम में 3 अप्रैल, 2025 को नई दिल्ली में इंडेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक आहुत की गई है, जिसमे निम्न मुद्दों पर चर्चा की जायेगीः-

I     भारतीय अभियंत्रण सेवा को अखिल भारतीय सेवा के रूप में अधिसूचित करना, जैसा कि 1967 में संसद द्वारा संकल्पित किया गया था और 2010 में पुंछी आयोग द्वारा भी अनुशंसित किया गया था। 
II     एक राष्ट्र एक अभियंत्रण सेवा नियम का कार्यान्वयन।
III     तकनीकी अभियंत्रण विभागों के शीर्ष पदों पर अभियंताओं की नियुक्ति।
IV    राष्ट्रीय अभियंत्रण आयोग का गठन। 


इसी कालावधि में, उपरोक्त मांगों की वकालत करने और समर्थन मांगने के लिए इंडेफ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एक शिष्टमंडल माननीय श्री नितिन गडकरी, माननीय श्री सी.आर. पाटिल, माननीय श्री मनोहर लाल खट्टर, माननीय श्री अश्विनी वैष्णव और माननीय श्री जितेंद्र सिंह सहित प्रमुख केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक कर अपना विचार रखने का प्रयास भी करेगी। इंडेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई० एस. अनंत और ओडिशा से वरिष्ठ उपाध्यक्ष ई० अविनाश राउल के अलावा ई० सी. देबनाथ, ई० एम. नागराज और ई० सुभाष चंदसुरे के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों के कार्यकारिणी सदस्य भी बैठक में शामिल होंगे।