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शहाबुद्दीन की विरासत संभालेंगे ओसामा शहाब, आरजेडी ने रघुनाथपुर से दिया टिकट

 
शहाबुद्दीन की विरासत संभालेंगे ओसामा शहाब, आरजेडी ने रघुनाथपुर से दिया टिकट

Siwan, Bihar news: बिहार की सियासत में एक बार फिर शहाबुद्दीन परिवार की एंट्री हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन और हिना शहाब के बेटे ओसामा शहाब को रघुनाथपुर विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। राजद के इस फैसले के साथ ही शहाबुद्दीन परिवार की दूसरी पीढ़ी अब सक्रिय राजनीति में उतर चुकी है।

लालू यादव ने दिलाई थी पार्टी की सदस्यता

बीते साल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने हिना शहाब और ओसामा शहाब दोनों को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। उस वक्त तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
राजनीतिक गलियारों में इसे “सीवान में राजद की खोई हुई पकड़ वापस लाने की रणनीति” के तौर पर देखा जा रहा है।

ओसामा के पिता शहाबुद्दीन लंबे समय तक सीवान की राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरे रहे। उनके निधन के बाद परिवार की राजनीतिक विरासत अब ओसामा के कंधों पर आ गई है।

कौन हैं ओसामा शहाब?

ओसामा शहाब का जन्म 12 जून 1995 को सीवान में हुआ। शुरुआती शिक्षा उन्होंने स्थानीय स्कूल से ली और फिर दिल्ली के जी.डी. गोयनका स्कूल से 12वीं पास की। आगे की पढ़ाई के लिए वे लंदन गए और वहां से एलएलबी (LLB) की डिग्री हासिल की। साल 2021 में उनकी शादी सीवान की आयशा से हुई, जो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) से एमबीबीएस कर चुकी हैं और वर्तमान में डॉक्टर हैं।

विवादों से भी रहा है नाम जुड़ा

ओसामा का नाम कुछ आपराधिक मामलों में भी सामने आया है। वर्ष 2023 में राजस्थान के कोटा से उन्हें एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उन्हें सीवान कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।

इसी साल मोतिहारी में संपत्ति विवाद के दौरान गोलीबारी और हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज हुआ, जिसमें ओसामा को बेल मिल गई थी।

रघुनाथपुर सीट का समीकरण

रघुनाथपुर विधानसभा सीट पिछले चुनाव में राजद के खाते में गई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के हरिशंकर यादव ने 67,757 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, जबकि एलजेपी के मनोज कुमार सिंह को 49,792 वोट मिले थे। इस बार राजद ने नए चेहरे ओसामा शहाब पर भरोसा जताया है, जिससे इलाके में राजनीतिक उत्सुकता बढ़ गई है।

शहाबुद्दीन परिवार की राजनीतिक यात्रा

शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब ने परिवार की राजनीतिक जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में सीवान से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद अक्टूबर 2024 में हिना शहाब और ओसामा ने राजद की सदस्यता ली। अब पार्टी ने ओसामा को मैदान में उतारकर एक बार फिर इस परिवार को मुख्यधारा की सियासत में केंद्र में ला दिया है।

सीवान में फिर लौटेगी ‘शहाब की सियासत’?

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजद का यह फैसला सीवान के पारंपरिक वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश है। ओसामा की उम्मीदवारी न सिर्फ परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रतीक है, बल्कि यह भी तय करेगी कि शहाबुद्दीन की सियासी पकड़ आज भी लोगों के दिलों में कितनी बाकी है।