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पटना बना देश का पहला शहर जहां मैनहोल की मरम्मत के लिए चलेगी 'एम्बुलेंस' कचरे की गाड़ी से हुआ तैयार

पटना नगर निगम ने शहरवासियों को खुले और जर्जर मैनहोल से राहत देने के लिए देश की पहली 'मैनहोल एम्बुलेंस सेवा' शुरू की है। 75 वार्डों में यह सेवा उपलब्ध होगी और मैनहोल की मरम्मत 48 घंटे के भीतर की जाएगी। यह सेवा क्विक रिस्पांस टीम की तरह कार्य करेगी और शिकायतें टोल फ्री नंबर पर दर्ज की जा सकेंगी।
 

पटना: पटना नगर निगम ने मानसून के दौरान सड़क हादसों और जलजमाव की समस्या को देखते हुए एक अभिनव कदम उठाया है। नगर निगम ने ‘मैनहोल एम्बुलेंस सेवा’ की शुरुआत की है, जो देश में पहली बार किसी शहर में लागू की गई है। इस सेवा के जरिए शहर की सड़कों और गलियों में टूटे, खुले और खतरनाक मैनहोल को चिन्हित कर 48 घंटे के भीतर उनकी मरम्मत की जाएगी।

कैसे काम करेगी यह एम्बुलेंस?

मैनहोल एम्बुलेंस, दरअसल, एक पुरानी गाड़ी को मॉडिफाई कर बनाया गया है, जिसमें मैनहोल रिपेयरिंग टीम, जरूरी औजार, प्री-फैब ढक्कन और अन्य मरम्मती सामग्री होगी। जैसे ही किसी क्षेत्र से मैनहोल की शिकायत मिलेगी, यह वाहन तुरंत मौके पर पहुंचेगा और काम शुरू करेगा। इस सेवा को एक कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है और टोल फ्री नंबर 155304 के माध्यम से लोग मैनहोल से जुड़ी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। यह सेवा क्विक रिस्पांस यूनिट की तर्ज पर तेज़ और प्रभावी काम करेगी।

कबाड़ से बनी काम की गाड़ी

शहर में पड़ी पुरानी और अनुपयोगी गाड़ियों को कबाड़ से निकालकर मैनहोल एम्बुलेंस में बदला गया है। यह ना सिर्फ संसाधनों का बेहतर उपयोग है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।

जनसुरक्षा के लिए जरूरी कदम

मानसून में जलभराव के बीच खुले मैनहोल हादसों को न्योता देते हैं। यह एम्बुलेंस सेवा आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जीवन की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है।