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पटना DM का जन-सुनवाई में कड़ा एक्शन: जमीन–रसीद–अतिक्रमण पर तुरंत आदेश, एक थानेदार पर शोकॉज; पूरा प्रशासन टाइट मोड में

 
पटना DM का जन-सुनवाई में कड़ा एक्शन: जमीन–रसीद–अतिक्रमण पर तुरंत आदेश, एक थानेदार पर शोकॉज; पूरा प्रशासन टाइट मोड में

Bihar News: पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम का जनता दरबार मंगलवार को एक सामान्य शिकायत-निवारण कार्यक्रम नहीं, बल्कि प्रशासनिक सर्जरी की तरह रहा। लोग जमीन, रसीद, अतिक्रमण, रास्ता बंद होने और रंगदारी जैसे गंभीर मामलों की शिकायत लेकर पहुंचे थे। डीएम ने हर शिकायत को न सिर्फ ध्यान से सुना, बल्कि कई मामलों में मौके पर ही आदेश जारी कर ऐसा संदेश दे दिया कि जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों में अब ज़रा भी ढिलाई नहीं चलेगी।

बिहटा का मामला: जमीन की रसीद रोकने पर डीएम की सख्ती, जांच का आदेश

जनता दरबार में सबसे पहले बिहटा के सुनील राम पहुंचे। उनका आरोप था कि कर्मचारी मनीष कुशवाहा जमीन की रसीद काटने से जानबूझकर बच रहे हैं। जैसे ही सुनील ने लिखित आवेदन सौंपा, डीएम ने बिहटा सीओ को तत्काल जांच का निर्देश दिया और साफ कहा: “यदि कर्मचारी ने रसीद रोकी है तो कड़ी विभागीय कार्रवाई तय है।”

डीएम के इस निर्देश ने दरबार में मौजूद अधिकारियों को भी स्पष्ट संकेत दे दिया कि अब मनमानी या देरी प्रशासन को स्वीकार नहीं।

65 शिकायतें सुनी गईं, आधे से अधिक जमीन–अतिक्रमण से जुड़े

कुल 65 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें सबसे ज़्यादा मामले—
    •    जमीन निबंधन में बाधा
    •    अतिक्रमण
    •    रास्ता बंद
    •    रसीद संबंधित समस्याएँ

से जुड़े थे।

गौरीचक के राकेश कुमार: प्लॉट का रास्ता बंद—डीएम ने पुनपुन सीओ को मौके पर जाने का आदेश

गौरीचक के राकेश कुमार ने बताया कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है और प्लॉट नंबर 31 का रास्ता भी अवैध रूप से बंद कर दिया गया है।
इस पर डीएम ने पुनपुन सीओ को स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा। आदेश तत्काल था और निर्देश बेहद स्पष्ट—“रास्ता बंद करने की शिकायत गंभीर है, फील्ड वेरिफिकेशन तुरंत हो।”

दूसरी शिकायत पर सीधे फोन: निबंधन रोक पर DSR को तुरंत कार्रवाई का निर्देश

गौरीचक के ही ध्रुव कुमार ने जमीन के निबंधन पर रोक लगाए जाने की शिकायत रखी। इस पर डीएम ने वहीं से जिला अवर निबंधक (DSR) को फोन लगाकर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

डीएम की इस तेज़ प्रतिक्रिया से दरबार के बाहर भी चर्चा शुरू हो गई कि भूमि और निबंधन से जुड़े मामलों में अब देरी की गुंजाइश खत्म होती दिख रही है।

ग्रामीण एसपी का एक्शन: एक थानेदार पर शोकॉज

दरबार के दौरान कुछ मामलों में पुलिस की ढिलाई पर ग्रामीण एसपी ने भी सख्ती दिखाते हुए एक थानेदार को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया। यह कार्रवाई साफ संकेत है कि रंगदारी, धमकी या संपत्ति विवाद में पुलिस की उदासीनता अब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी।

आने वाले दिनों में और कड़े कदम संभव

जनता दरबार के दौरान डीएम की तेज़ी, त्वरित आदेश और फील्ड-फोकस्ड कार्रवाई से स्पष्ट है कि जिला प्रशासन जमीन और राजस्व से जुड़े मामलों पर मिशन मोड में उतर चुका है। दरबार के बाद लोगों की यह चर्चा आम थी, “आज डीएम ने पूरे सिस्टम को मैसेज दे दिया—अब गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं।”