प्रशांत किशोर का हमला: "तीनों पार्टियाँ बिहार को लूट रहीं, कट्टा-करप्शन वाली सरकारें हटाओ, बच्चों को पढ़ाओ
CAG रिपोर्ट और 70,000 करोड़ का सवाल
प्रशांत किशोर ने हाल ही में सामने आई कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि करीब 70,000 करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि अगर इसकी ईमानदारी से जांच हो, तो ये अब तक का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।
तीनों दलों पर सीधा आरोप: "बारी-बारी से सबने लूटा"
प्रशांत किशोर ने कहा, राजद के समय 17,000 करोड़ खर्च का कोई हिसाब नहीं, भाजपा–जदयू शासन में भ्रष्टाचार और अफसरशाह चरम पर है। उन्होंने कहा कि बिहार में हर सरकार ने सिर्फ लूट और झूठ की राजनीति की है और जनता को सिर्फ बेरोजगारी और पलायन मिला।
बारिश में डूबा बिहार, लेकिन शहरी विकास विभाग सोता रहा
थोड़ी सी बारिश में ही पटना और कई शहरों का जलजमाव होना किशोर के निशाने पर रहा। शहरी विकास विभाग सिर्फ कागज़ों में काम करता है, ज़मीन पर कुछ नहीं दिखता।
पलायन की जड़–रोजगार नहीं, उद्योग नहीं
प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि बिहार में उद्योगों का घोर अभाव है, जिसकी वजह से युवाओं को हर साल बाहर जाना पड़ता है। युवाओं को सपना नहीं, प्लेन का टिकट दिया जा रहा है!
बच्चों को फेल करने वालों को वोट न दें
राजद नेता भाई वीरेंद्र की वायरल धमकी और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए किशोर बोले,राजद आज भी ‘कट्टा और अपहरण’ की पहचान है। लालू जी नवमी फेल बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।
वहीं पीएम मोदी पर भी हमला करते हुए उन्होंने कहा, 56 इंच के सीने के लिए वोट लिया, लेकिन अब बिहार के बच्चों का सीना 15 इंच का रह गया है।"
जनता से अपील: "अब बच्चों के लिए वोट करें"
सभा में किशोर ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जनता भविष्य के लिए वोट दे।
उनका वादा:
- 60 साल से ऊपर बुजुर्गों को ₹2000 मासिक पेंशन
- 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूल में मुफ्त शिक्षा
जो बच्चों को लूट रहे हैं, उन्हें हटाइए। जो बच्चों को पढ़ाएंगे, उन्हें लाइए।
जन सुराज यात्रा का असर बढ़ रहा है?
प्रशांत किशोर की ‘बिहार बदलाव यात्रा’ अब सीधे सत्ताधारी और विपक्षी दोनों पर निशाना साध रही है।
लोगों की भीड़ और समर्थन को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशांत किशोर अगले चुनाव में ‘वोटकटवा’ नहीं, गेमचेंजर बन सकते हैं?
2025 की लड़ाई में मुद्दे क्या होंगे? जाति या भविष्य?
अब ये जनता को तय करना है वोट जात-पात के नाम पर देंगे या बच्चों के भविष्य के लिए?







