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बिहार में बरसात का कहर शुरू: पटना डूबा, अब पूरे राज्य में खतरे का अलर्ट

 
Patna weather report

Patna weather report: बिहार में मॉनसून अब अपना असली रंग दिखाने लगा है। सोमवार को राजधानी पटना में जो हुआ, वो बस शुरुआत थी। महज़ 106 मिमी बारिश में ही पूरा शहर पानी में डूब गया। सड़कें तालाब बन गईं और लोग अपने ही घरों से बाहर नहीं निकल सके।

अब मौसम विभाग ने जो चेतावनी दी है, वो और भी डराने वाली है अगले कुछ दिनों में बिहार के हर कोने में भारी बारिश होगी। पटना मौसम केंद्र ने साफ कहा है कि "ये तो ट्रेलर था, असली तूफान अभी बाकी है।"

आज कहां-कहां होगी सबसे ज्यादा बारिश?

  • अररिया, जमुई, बांका-यहां आज सबसे भारी बारिश हो सकती है।
  • गया, नवादा, मुंगेर-इन जिलों में भी रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी हो चुका है।
  • पटना और पूर्वी बिहार में पूरे दिन तेज़ बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि बिहार के सभी 38 जिलों में आज बारिश का असर दिखेगा। कहीं मध्यम बारिश होगी तो कहीं तेज़ से बहुत तेज़।

बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है

बिहार की बड़ी नदियों जैसे गंगा, कोसी, घाघरा और बागमती में पानी बढ़ सकता है। खासकर उत्तर बिहार के निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। पूर्वानुमान के अनुसार, गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने वाला है। दक्षिण बिहार में भी हालात सामान्य नहीं हैं। सोन और फल्गु जैसी नदियों के किनारे बसे इलाकों में जलजमाव की आशंका है।

5 दिन का खतरा: IMD ने दी चेतावनी

पटना IMD के अनुसार, अगले 5 दिनों तक लगातार बारिश होगी। इस दौरान वायुमंडलीय स्थिति बारिश के लिए पूरी तरह अनुकूल बनी रहेगी। इसका मतलब साफ है कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

तापमान और AQI?

बारिश से तापमान में थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) कुछ जिलों में अभी भी संतुलित नहीं है। पटना और गया जैसे शहरों में नमी के कारण हवा में घुटन महसूस की जा रही है।

सरकारी चेतावनी: जरूरी ना हो तो घर से ना निकलें

राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि आपातकालीन इंतज़ाम पूरे रखें। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का सुझाव भी दिया है, खासकर जहां जलजमाव की समस्या है।

इस बार की बारिश सिर्फ मौसम नहीं बदल रही, बल्कि लोगों की दैनिक ज़िंदगी को भी पूरी तरह उलट-पुलट कर रही है। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग सतर्क रहें, मौसम अपडेट पर नज़र रखें और किसी भी आपदा की स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों का तुरंत इस्तेमाल करें।