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सीनियर पत्रकार और News Haat के कॉलमनिस्ट सुरेंद्र किशोर को मिला पद्म श्री पुरस्कार

 

 75वें गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले यानी 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. इस साल 132 हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. इनमें 5 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 110 को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा. इस बार के पुद्म पुरस्कारों में बिहार की झोली भर गई है. बिहार में कई हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा.

पत्रकारिता के क्षेत्र में 50 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले बिहार के मशहूर पत्रकार सुरेंद्र किशोर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. बतौर एडिटर उन्होंने कई प्रमुख समाचारपत्रों में काम किया है. सुरेंद्र किशोर को भाषा, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए पद्म श्री पुरस्कार दिया गया. सीनियर पत्रकार सुरेंद्र किशोर न्यूज हॉट के कॉलमनिस्ट हैं. 

बता दें कि कर्पूरी ठाकुर की तरह सुरेंद्र किशोर भी सादगी की मूर्ति हैं, नखशिख ईमानदार हैं, प्रामाणिक हैं, सच्चे समाजवादी आचार- विचार के हैं, गलत के खिलाफ आवाज उठाते हैं, सावधान करते हैं, अपनी कलम से. 
सुरेंद्र किशोर बिहार में राजधानी पटना से सटे, छपरा जिले के एक गांव भरहोपुर- रामपुर से आते हैं. परिवार समृद्ध, खेती- बाड़ी भरपूर, लेकिन सुरेंद्र किशोर युवा दिनों से ही विद्रोही. जिस जमाने में बिहार में दहेज लेना सामान्य शिष्टाचार होता था, उस जमाने में अपने पिता शिवनंदन सिंह की इच्छा के खिलाफ जाकर शादी की, बिना दहेज लिए. नाराज पिता शादी में शामिल नहीं हुए, सबसे महत्वपूर्ण बाराती थे कर्पूरी ठाकुर.

बताया जाता है कि लालू प्रसाद यादव जब बिहार के मुख्यमंत्री बने 1990 में, तो उन्होंने पत्रकारों के लिए पटना में घर की व्यवस्था करने की सोची, सहकारी आवासीय कॉलोनी बनाकर, उसमें प्लॉट आवंटित कर. इससे संबंधित सूची जब लालू के पास गई, तो उन्होने पूछा कि इसमें ‘सुरेंद्र भाई’ का नाम क्यों नहीं है, बताया गया कि उन्होंने अपना नाम देने से मना कर दिया. लालू ने कहा कि अगर पत्रकारों की कॉलोनी बनानी है और सुरेंद्र किशोर ही उसमें नहीं हैं, तो फिर कॉलोनी भला किसलिए और किसके लिए, फाइल उठाकर फेंक दी. ये किस्सा सुरेंद्र किशोर के जीवन के बारे में बताता है, उनकी ईमानदारी और शुचिता के बारे में. लालू उन्हें एक समय बिहार विधान परिषद का सदस्य भी बनाना चाह रहे थे, लेकिन सुरेंद्र किशोर ने इसके लिए भी साफ मना कर दिया था.