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पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग को लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन समेत कई संगठन ने शुरू किया भूख हड़ताल

 

विगत 8 साल से उपेक्षित और राजनीतिक कुटिलता के कारण दलदल में फसे पूर्णियां एयरपोर्ट से पोर्टा कैबिन के तहत हवाई सफर को लेके मिथिला स्टूडेंट यूनियन व पूर्णियां दहाई के संख्या में संगठन (IMA, प्रेस क्लब पूर्णियां, श्री राम सेवा संघ पूर्णियां, जिला साइकिल एसोसियेशन पूर्णिया, लायंस क्लब, बालाजी सेवा संगठन, पूर्ण कल्याण फाउंडेशन, तिरंगा फाउंडेशन, युवा जागृति मंच, चेंबर ऑफ कॉमर्स, खाद्य विक्रेता संघ, अधिवक्ता संघ, व्यापारी संघ, शिक्षक संघ पूर्णियां, बुजुर्ग समाज पूर्णियां, इत्यादि अनेकों संगठन) के सहयोग से इनके बैनर तले आज 02 अक्तूबर गांधी जयंती के दिन से जनसत्याग्रह आंदोलन सह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का आयोजन शुरू हो चुका है. जिसका एकमात्र उद्देश्य और मांग है कि जबतक पोर्टा कैबिन के तहत उड़ान की तिथि जारी नहीं की जाती है, तबतक ये अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल सक्रिय रहेगी. 

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इस अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल में मुख्य रूप से मिथिला स्टूडेंट यूनियन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री अविनाश कुमार मिश्र, पूर्णियां जिला संगठन मंत्री सुधांशु जायसवाल, अररिया जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, अररिया जिला उपाध्यक्ष सूचित नारायण मंडल व अररिया जिला प्रधान सचिव राजीव कुमार रंजन बैठे हैं.

विदित हो पिछले 4 वर्षों से मिथिला स्टूडेंट यूनियन द्वारा पूर्णियां एयरपोर्ट की लड़ाई सोसल प्लेटफार्म से लेकर धरातल तक निरंतर लड़ी जा रही है, जिसके बाद अब लोग काफी हद तक इस मुद्दे को लेके सजग होते दिखाई पड़ने लगे हैं और इस मांग को प्रमुखता भी देने लगे हैं.

बता दें कि पूर्णियां एयरपोर्ट से हवाई सफर के मांग के लिए ना सिर्फ मिथिला स्टूडेंट यूनियन बल्कि अब दहाई के संख्या में पूर्णियां के संगठन, सामाजिक इकाइयां, जनसरोकार से जुड़े मुद्दे से संदर्भित लोग, माताएं/बहनें, नौजवाओं, किसान, व्यापारियों, बेरोजगार युवाओं इत्यादि एक स्वर में आवाज उठाते हुए और समर्थन करते दिख रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि सरकार इस मुद्दे के प्रति सजगता से तत्काल कोई ठोस निर्णय लें और राज्य व केंद्र सरकार के बीच जो पिछले 8 वर्षों से फुटबॉल की तरह इस मुद्दे को खेले जा रहा है आरोप प्रत्यारोप के तौर पर, इससे बाहर निकलकर अब जनता के अपेक्षाओं पर खड़ा उतरे. 

पूर्णियां और आसपास के जिलों के लोगों ने तो अब ये तक कहने लगे है कि जबतक पूर्णियां से उड़ान नहीं, तबतक नेताओं को वोट नहीं और इसी के निमित्त पिछले माह ट्विटर पर एक हेस्टेग भी ट्रेंड करवाया गया था #NoVoteWithoutPurneaAirport का जो राज्य से लेकर पूरे भारत में प्राइम टाइम के अंदर टॉप 10 में ट्रेंड किया था. वैसे इस अनशन के जरिए संगठन के लोग और जन आवाम यह बताने का प्रयास कर रहे है कि जब लोग अपने अधिकारों और क्षेत्र के मुद्दों को लेके एकजुट हो जाए तो वो किस हद तक जा सकते हैं और सरकार को झुकाने की क्षमता तक रखती है.