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यूपीएससी का विज्ञापन देखकर निकाला BPSC, हाजीपुर के शिव ने अधिकारी बन मां के सपने को किया साकार

 

बिहार लोक सेवा आयोग ने 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम परिणाम शनिवार दोपहर बाद जारी कर दिया था. इस  परीक्षा में कई अभ्यर्थी सफल हुए हैं. इसी में एक है शिव शक्ति. वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखंड के मनुआ गांव के रहने वाले शिव शक्ति की बीपीएससी में 205वीं रैंक आई है. जिस लड़के को कभी यह भी पता नहीं था कि मैट्रिक पास करने के बाद इंटर किया जाता है. वह अब प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में बिहार सरकार में अपनी सेवा देगा. 

खेत में काम करके मां ने पढ़ाया

आपको बता दें कि शिव शक्ति जब 3 साल के थे तभी उनके सिर से पिता रामाशंकर राय का साया उठ गया. इसके बाद पांच बच्चों की जिम्मेवारी उनकी मां कालिंदी देवी के सिर पर आ गई. तीन बहनों के बाद चौथे नंबर पर शिव शक्ति की पढ़ाई पूरी हो सके इसके लिए कालिंदी देवी खेतों में काम करती थी. सरकारी स्कूल से मैट्रिक तक पढ़ाई करने के बाद गरीबी में शिव शक्ति दिल्ली कमाने चले गए. जहां वह एक निजी कंपनी में 33 सौ के महीने पर काम करने लगे. लगभग तीन वर्षों बाद जब वह गांव आया तो उसने इंटर की पढ़ाई की और फिर वापस दिल्ली काम पर लौट गए. 

दिल्ली में शिव शक्ति ने ऑटो से जाते समय मेट्रो रेल के पाया पर एक विज्ञापन देखा. जिस पर लिखा था यूपीएससी की तैयारी यहां होती है. शिव शक्ति ने टेंपो चला रहे अपने चचेरे भाई से पूछा यह यूपीएससी क्या होता है. जवाब मिला इससे इंसान प्रशासनिक अधिकारी बनता है और लोगों की सेवा करता है. शिव शक्ति रोजाना वो यूपीएससी का विज्ञापन देखता था. फिर क्या शिव ने यूपीएससी करने की ठान ली. इसके बाद शिव शक्ति ने इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गया. यूपीएससी तो नहीं पास कर सके लेकिन 5वें अटेम्प्ट में उसने बीपीएससी जरूर पास कर लिया, जिसमे उसका 205वां रैंक है और अव वो नगर कार्यपालक अधिकारी बनेगा.