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पटना की सड़कों पर उतरे 'विशेष सर्वेक्षण अमीन', 4 वर्ष के बाद हटाए गए

 

संविदा पर बहाल किए गए 550 विशेष सर्वेक्षण अमीन को राजस्व विभाग ने पद मुक्त कर दिया है। इसको लेकर अमीनों में नाराजगी बढ़ गई है। मंगलवार की सुबह अमीन अमानत संघ के बैनर तले संविदा कर्मी सड़क पर आ गए हैं। सरकार और राजस्व विभाग से दो-दो हाथ करने की तैयारी में हैं।


पटना में विरोध करने आए अमीन राजीव कुमार सिंह ने बताया कि सरकार सर्वेक्षण कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसके बावजूद भी पद से हटा रही है। एक तरफ सर्वेक्षण के लिए अमीन की बहाली की बात कही जा रही है। दूसरी ओर जो पहले से हैं, उन्हीं को नौकरी से हटाया जा रहा है। 4 वर्ष से बिहार के सभी जिलों में जो बंदोबस्त कार्यालय है, वहां सेवा देते आ रहे हैं। 13 जून को सभी जिला के डीएम को राजस्व विभाग ने पत्र जारी कर के कहा कि इन लोगों से अब सेवा नहीं लेनी है।

अब इस परिस्थिति में हमारे पास क्या विकल्प है, सरकार बताए और राजस्व विभाग बताए। राजीव ने कहा कि जब 5 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। एक पद अमीन अमानत के साथ क्यों भेदभाव किया जा रहा है। यह नियम सब पर लागू होना चाहिए। एक तरफ सरकार अमीन को हटा रही है। शेष बचे 4 पदों के लिए कार्य अवधि का विस्तार कर रही है। यह सरासर अन्याय है। हमलोग अपने कार्यलय पर नग्न प्रदर्शन करेंगे और दोपहर दो बजे बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के आवास का भी घेराव करेंगे। मेरी मांग यही है कि जिन शेष पदों का सेवा विस्तार 31 दिसंबर 2025 तक हुआ है, वैसे अमीन अमानत का भी होना चाहिए।

त्रिभुवन कुमार ने बताया कि कई अमीन पर सर्वेक्षण के दौरान केस मुकदमा भी हुआ। फिर सभी अपने काम में लगे रहे। इलेक्शन ड्यूटी, विधि व्यवस्था से संबंधित भी ड्यूटी लगाई गई। तब भी सबने किया। आज अचानक सेवा से हटाने का जो फैसला लिया गया है। इसका विरोध करते हैं, हम 550 अमीन अमानत अपना हक लेकर रहेंगे। चाहे इसके लिए कितना भी संघर्ष क्यों नहीं करना पड़े।

वर्ष 2019 में राजस्व विभाग की ओर से संविदा पर बहाली के लिए 5 पद के 6875 वैकेंसी निकाली गई थी। जिसमें अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, कलर्क, विशेष सर्वेक्षण अमीन (सिविल इंजीनियर), सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का पद शामिल था।