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पूर्णिया प्रक्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं की सख्त समीक्षा, लापरवाही पर होगी कानूनी कार्रवाई

 
पूर्णिया प्रक्षेत्र में जलापूर्ति योजनाओं की सख्त समीक्षा, लापरवाही पर होगी कानूनी कार्रवाई

Bihar news: लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री संजय कुमार सिंह ने मंगलवार को पूर्णिया प्रक्षेत्र के अंतर्गत संचालित जलापूर्ति योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। यह समीक्षा पूर्णिया प्रक्षेत्र के 36 लोक स्वास्थ्य प्रमंडलों में चल रही योजनाओं को लेकर की गई, जिसमें विभागीय सचिव पंकज कुमार पाल, विशेष सचिव संजीव कुमार, अभियंता प्रमुख-सह-विशेष सचिव नित्यानंद प्रसाद सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गुणवत्ता प्रभावित इलाकों में पेयजल आपूर्ति को लेकर किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी ऐसे क्षेत्रों में आयरन रिमूवल प्लांट का नियमित संचालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जल शुद्धिकरण व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए फिल्टर मीडिया को तय समय पर बदला जाए। मंत्री ने चेतावनी दी कि जिन संवेदकों द्वारा निर्धारित अवधि में फिल्टर मीडिया नहीं बदला जाएगा, उनके खिलाफ विभाग कानूनी कार्रवाई करेगा।

मंत्री ने कहा कि पूर्णिया प्रक्षेत्र के कई इलाके गुणवत्ता प्रभावित हैं, ऐसे में पेयजल सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन जरूरी है। जल शोधन, निगरानी और आपूर्ति की हर प्रक्रिया मानकों के अनुरूप होनी चाहिए, ताकि आम लोगों तक पूरी तरह सुरक्षित पानी पहुंचे।

बिजली भुगतान में लापरवाही पर सख्त रुख

समीक्षा के दौरान विद्युत बिल भुगतान का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। मंत्री ने दो-टूक कहा कि बिजली बिल लंबित रहने के कारण अगर जलापूर्ति बाधित होती है, तो इसे गंभीर प्रशासनिक विफलता माना जाएगा। बैठक में सामने आया कि पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, धमदाहा और अररिया जिलों में विद्युत विपत्रों का भुगतान 40 प्रतिशत से भी कम है। इस पर मंत्री ने गहरी नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी।

उन्होंने साफ किया कि जो संवेदक बिजली भुगतान नहीं करेंगे, उन्हें भविष्य की विभागीय निविदाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही यदि संवेदकों से भुगतान सुनिश्चित नहीं कराने के कारण डिले पेमेंट सरचार्ज (DPS) लगता है, तो वह राशि संबंधित सहायक या कार्यपालक अभियंता के वेतन से वसूली जाएगी।

शिकायत निवारण में संतोषजनक प्रगति

बैठक में यह भी बताया गया कि पूर्णिया प्रक्षेत्र में केंद्रीय शिकायत निवारण कक्ष (CGRC) पर दर्ज कुल 4,331 शिकायतों में से 4,033 का समाधान किया जा चुका है। मंत्री ने इसे संतोषजनक प्रगति बताया, लेकिन साथ ही कहा कि शिकायतों का समयबद्ध और वास्तविक निस्तारण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

अधिकारियों के प्रदर्शन पर भी नजर

कार्य निष्पादन की रैंकिंग के आधार पर कुछ अभियंताओं का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया। कटिहार के एक कार्यपालक अभियंता और अररिया के एक सहायक अभियंता के कामकाज पर मंत्री ने असंतोष जताया और उन्हें चेतावनी दी। निर्देश दिया गया कि खराब प्रदर्शन करने वाले अभियंताओं की नियमित निगरानी मुख्य अभियंता स्तर से की जाए और सुधार नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाए।

जल मीनारें चालू, लीकेज पर तुरंत कार्रवाई

समीक्षा में बताया गया कि प्रक्षेत्र की सभी जल मीनारें फिलहाल कार्यरत हैं। मंत्री ने जल मीनारों की नियमित सफाई और रखरखाव को अनिवार्य बताते हुए इसे सतत प्रक्रिया के रूप में लागू करने को कहा। लीकेज की स्थिति पर जानकारी दी गई कि कुल 21,175 योजनाओं में से केवल 60 में लीकेज की समस्या सामने आई है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर जल्द दूर करने का निर्देश दिया गया।

बैठक के अंत में मंत्री ने विभाग द्वारा पहले जारी निरीक्षण संबंधी आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही अभियंता प्रमुख-सह-विशेष सचिव को साप्ताहिक औचक निरीक्षण करने का भी निर्देश दिया गया। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंत्री पटना और मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र की समीक्षा कर चुके हैं, जबकि आने वाले दिनों में भागलपुर प्रक्षेत्र की समीक्षा प्रस्तावित है।