बिना बीमारी चीर दिया पेट, ऑपरेशन के बाद बोला सर्जन- सॉरी इनको अपेंडिक्स नहीं
बिहार के एक सदर अस्पताल में एक 12 साल की बच्ची का अपेंडिक्स के नाम पर ऑपरेशन हुआ, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को अपेंडिक्स ही नहीं मिला। बच्ची डेढ़ घंटे तक बेहोशी की हालत में ऑपरेशन थिएटर में पड़ी रही। घटना मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल की है।
जानकारी के अनुसार, कांटी मानपुरा की रहने वाली 12 साल की प्राची कुमारी को पेट में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था। प्राची के पिता संतोष कुमार ठाकुर गुवाहाटी में काम करते हैं। प्राची की मां सुमित्रा ने बताया कि 28 अक्टूबर को पहली बार वो बेटी को लेकर अस्पताल आई थीं।
डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि बच्ची को अपेंडिक्स है और अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। अल्ट्रासाउंड के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। मंगलवार को दोपहर में प्राची का ऑपरेशन शुरू हुआ। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में जो दिख रहा था, वह नहीं मिला।
बच्ची के परिवार वालों ने जब डॉक्टर से पूछा कि जब अपेंडिक्स ही नहीं मिला तो बच्ची का पेट क्यों चीरा , तो सर्जन डॉ अब्दुल कादिर ने बताया कि अल्ट्रासाउंड के आधार पर ऑपरेशन किया गया है। इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा किया।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद बच्ची को अस्पताल में कचरे के डिब्बे के पास बेड पर लिटा दिया गया। ऑपरेशन के बाद दोपहर 2 बजे तक कोई भी डॉक्टर बच्ची को देखने नहीं आया। परिजनों ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार से की। सिविल सर्जन ने परिजनों को लिखित शिकायत देने और अधीक्षक से मिलने की सलाह दी।
इस मामले में सर्जन डॉ अब्दुल कादिर का कहना है कि बच्ची के पेट दर्द की शिकायत पर जांच और अल्ट्रासाउंड कराया गया था। रिपोर्ट में अपेंडिक्स की पुष्टि हुई थी। इसके बाद ही बच्ची का ऑपरेशन किया गया। डॉक्टर ने बताया कि कभी-कभी ऐसा होता है कि अपेंडिक्स नहीं मिलता। प्राची के मामले में भी ऐसा हुआ।