प्रधान शिक्षक-हेडमास्टर के तबादले में गड़बड़ी का आरोप, शिक्षक नेता अमित विक्रम का फूटा गुस्सा, सिस्टम पर उठे सवाल
Bihar: बिहार के शिक्षा विभाग में एक बार फिर से ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस बार निशाने पर हैं प्रधान शिक्षक और हेडमास्टरों के हालिया तबादले। कई जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि तबादले की प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुई हैं। शिक्षक संघों का कहना है कि तबादले में पारदर्शिता नदारद है और कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रख दिया गया।
तबादला नहीं, यह तो साजिश है
बिहार शिक्षक महासंघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम ने इस मुद्दे पर खुलकर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, साफ दिख रहा है कि तबादले में मनमानी की गई है। जिन शिक्षकों ने वर्षों से दुर्गम इलाकों में काम किया, उन्हें दूरदराज भेजा गया, जबकि रसूखदार शिक्षकों को घर के पास पोस्टिंग मिल गई। यह न्याय नहीं, अन्याय है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ शिक्षकों के तबादले बिना उनकी सहमति और विकल्प के कर दिए गए हैं, जो कि शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों के खिलाफ है।
जिला स्तर पर सबसे ज्यादा शिकायतें
गया, समस्तीपुर, सिवान, और भागलपुर जैसे जिलों से कई शिक्षक संगठनों ने आरोप लगाया है कि तबादले की सूची पहले से "फिक्स" थी। कुछ शिक्षकों ने ऑफ रिकॉर्ड बताया कि ट्रांसफर लिस्ट में उन लोगों के नाम तक नहीं हैं जिन्होंने आवेदन किया था, और कई ऐसे लोग सूची में आ गए जिन्होंने अप्लाई ही नहीं किया।
RTI से खुल सकती है पोल
अमित विक्रम और उनके साथियों ने अब इस मामले की जानकारी के लिए RTI दाखिल करने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षा विभाग ने जवाब नहीं दिया, तो वे हाई कोर्ट का रुख करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से अब तक इस मामले पर कोई ठोस बयान नहीं आया है। जानकारी के अनुसार, तबादला प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड और पारदर्शी है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिख रही है।
शिक्षक बोले- हम कोई मशीन नहीं, इंसान हैं
एक हेडमास्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, हमने सालों सेवा की, बच्चों को संभाला, स्कूल को उठाया और अब इस उम्र में परिवार से दूर फेंक दिया जा रहा है। यह कैसी नीति है?
अमित विक्रम ने कहा, शिक्षक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस मामले में समीक्षा नहीं हुई तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हम पटना में विधानसभा के सामने धरना देंगे। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक चुप नहीं बैठेंगे।







