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वित्त रहित शिक्षकों का जल्द होगा भुगतान, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने दी जानकारी

 

वित्त रहित स्कूलों के अनुदान के बकाया पैसे का भुगतान जल्द किया जाएगा। सरकार की तरफ से इस संबंध में निर्णय ले लिया गया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बुधवार को इसकी जानकारी दी कि वित्त रहित स्कूलों के बकाया राशि का जल्द भुगतान किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियम के मुताबिक वित्त रहित शिक्षकों को कुछ मूलभूत सुविधाएं देनी होती है, जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव था। ऐसे स्कूलों का कोर्स सस्पेंड किया गया था। अब एक बार फिर से स्कूलों को कहा गया है कि अपनी सुविधाओं को बेहतर बनाए सरकार अपना काम कर रही है। राज्य के लगभग 45 हजार वित्त रहित शिक्षक प्रदेश के 1450 अनुदानित माध्यमिक, इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेजों में कार्यरत हैं। कई कॉलेजों को 6 से 9 साल से अनुदान की राशि नहीं मिली है। इसके लिए वो पिछले कई वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। दो दिन पहले विधान परिषद में शिक्षक कोटे से जीत कर आए सभी MLC ने भी इसकी मांग की थी, तब शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि इसका समाधान जल्द निकाल लिया जाएगा।

वहीं लागातार डोमिसाइल नीति में हो रहे बदलाव की मांग पर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि फिलहाल राज्य की अपनी डोमिसाइल नीति है। इसी के आधार पर नियुक्ति की जा रही है। फिलहाल इसमें संशोधन की कोई तैयारी नहीं है। इसमें किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है। झारखंड सरकार की तरफ से केवल वहां के लोगों को नौकरी देने की बात पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हर राज्य का अपना अधिकार है। वहां की जो परिस्थितियां, संसाधन हैं उसे देखते हुए कार्रवाई की जाती है।
सुनील कुमार ने कहा कि बिहार के लिए सबसे जरूरी था शिक्षकों की कमी को दूर करना। हमने बीपीएससी की मदद से इसे कराया। अब शिक्षकों की कमियों को दूर कर दिया गया है। कला और आर्ट्स की शिक्षकों की नियुक्ति के सवाल पर उन्होंने कहा है कि आर्ट्स, कल्चर, ड्राइंग और अन्य कलाओं को विकसित करने की व्यवस्था किलकारी में की गई है। पहले बेसिक सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। इसके आगे के काम किए जा रहे हैं।