तेज प्रताप यादव ने भाई तेजस्वी को सोशल मीडिया पर किया अनफॉलो, बोले- अब अलग राह पर चलेंगे ‘कृष्ण’ और ‘अर्जुन’
Bihar news: बिहार की सियासत में एक बार फिर लालू परिवार सुर्खियों में है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से खुली नाराज़गी जाहिर कर दी है।
पार्टी और परिवार-दोनों से 6 साल के लिए निष्कासन के बाद अब तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव को अनफॉलो कर दिया है। राजनीतिक गलियारों में इसे दोनों भाइयों के रिश्तों में बढ़ती दूरियों का “डिजिटल सबूत” माना जा रहा है।

अर्जुन से रुठे कृष्ण!
कभी तेजस्वी को अपना “अर्जुन” और खुद को “कृष्ण” बताने वाले तेज प्रताप अब उसी अर्जुन पर तीखे हमले कर रहे हैं। तेज प्रताप अक्सर कहा करते थे- “अर्जुन को कृष्ण से कोई अलग नहीं कर सकता।” मगर अब लगता है कि राजनीतिक मतभेदों ने इस जोड़ी में गहरी दरार डाल दी है।
सूत्रों के मुताबिक, निष्कासन के बाद तेज प्रताप ने पहले राजद के आधिकारिक अकाउंट्स और परिवार के ज्यादातर सदस्यों को अनफॉलो किया था।
अब उन्होंने तेजस्वी यादव को भी अनफॉलो कर दिया है। फिलहाल तेज प्रताप केवल लालू यादव, राबड़ी देवी, अपनी बहन राजलक्ष्मी यादव, अभिनेता रितेश देशमुख और अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) को ही फॉलो कर रहे हैं।
चुनावी मैदान में उतरने को तैयार तेज प्रताप
तेज प्रताप यादव अब अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के साथ चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
उन्होंने ऐलान किया है कि वे महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे- यही सीट है जहां से फिलहाल राजद विधायक राकेश रौशन हैं।
तेज प्रताप ने हाल में तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए कहा था, “यहां के विधायक नाच रहे हैं, और हम काम कर रहे हैं।” यह बयान तब आया था जब सोशल मीडिया पर तेजस्वी यादव का मरीन ड्राइव पर युवाओं के साथ डांस करता वीडियो वायरल हुआ था।
13 अक्टूबर को बड़ा ऐलान
तेज प्रताप ने कहा है कि वे 13 अक्टूबर को अपनी पार्टी की रणनीति और चुनावी घोषणा को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे। उन्होंने यह भी दोहराया कि इस बार बिहार की जनता देखेगी- “कौन असली समाजवादी है और कौन सिर्फ नाम का।”तेज प्रताप ने कहा, “हमारे रास्ते अब अलग हैं। मैं जनता के बीच जाऊंगा, जनता ही तय करेगी कि बिहार को कौन दिशा देगा।”
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि तेज प्रताप यादव का यह कदम तेजस्वी यादव के लिए एक नई चुनौती बन सकता है। चुनाव से ठीक पहले परिवार में इस तरह की बयानबाज़ी और खुली नाराज़गी आरजेडी की एकजुटता पर सवाल खड़े करती है। वहीं तेज प्रताप का दावा है कि उनकी लड़ाई “व्यक्ति से नहीं, विचारधारा से” है।







