तेज प्रताप यादव का बड़ा हमला : पुराने साथी आकाश को कहा ‘जयचंद’, चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान
Patna: बिहार की राजनीति में ड्रामा कभी खत्म नहीं होता। सत्ता, परिवार और संबंधों के बीच संतुलन साधना यहां हमेशा चुनौती भरा रहा है। इसी कड़ी में लालू यादव के बड़े बेटे और आरजेडी के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने अपने ही पुराने करीबी और सहयोगी रहे आकाश यादव पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें ‘जयचंद’ कह डाला है।
सोमवार देर रात तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट डालकर आरोप लगाया कि आकाश यादव ही वो शख्स हैं, जिन्होंने अनुष्का यादव के साथ उनकी तस्वीरें वायरल कीं। तेज प्रताप के मुताबिक यह सब उनकी राजनीतिक छवि खराब करने और उन्हें राजनीति से बाहर करने की साजिश थी।
“जयचंद हमें नहीं रोक सकता” – तेज प्रताप
तेज प्रताप ने लिखा- आकाश यादव और कुछ जयचंदों ने हमारी फोटो वायरल कर हमारी राजनीति को खत्म करने की साजिश रची। लेकिन इन जयचंदों को अभी पता नहीं कि हमारा नाम तेज प्रताप यादव है। टूटपूंजियों से हमारा राजनीतिक जीवन खत्म नहीं होगा, बल्कि हम और मजबूती से आगे बढ़ेंगे। कोई जयचंद कितनी भी साजिश कर ले, वो हमसे जीत नहीं पाएगा।”
उन्होंने साफ कर दिया कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे अपने संगठन और टीम तेज प्रताप यादव के माध्यम से पूरे राज्य में जन संवाद करेंगे और सीधे चुनावी लड़ाई लड़ेंगे।
आकाश यादव पर क्यों भड़के तेज प्रताप?
मामला नया नहीं है। मई 2025 में तेज प्रताप ने फेसबुक पर अनुष्का यादव के साथ तस्वीर साझा करते हुए दावा किया था कि दोनों 12 साल से रिश्ते में हैं। कुछ ही देर में उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया, लेकिन तस्वीरें तब तक सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थीं।
इसके बाद हालात बिगड़े और लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे को पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया। उसी समय आकाश यादव का नाम भी सामने आया। आरोप लगे कि उन्हीं की भूमिका से तस्वीरें बाहर आईं।
दिलचस्प बात यह है कि आकाश कभी तेज प्रताप के बेहद करीब थे। वे छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रहे और बाद में पशुपति पारस की आरएलजेपी में शामिल हुए। अनुष्का प्रकरण के बाद पारस ने भी उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। तब आकाश ने तेज प्रताप का बचाव किया था, लेकिन अब दोनों के रिश्ते खुलकर टकराव में बदल गए हैं।
राजनीति की जंग या निजी लड़ाई?
तेज प्रताप की राजनीतिक यात्रा हमेशा उतार-चढ़ाव से भरी रही है। कभी कृष्ण भक्त वाली छवि, तो कभी अजीबोगरीब बयानों और कारनामों से वे सुर्खियों में रहे। लेकिन इस बार उनकी सबसे बड़ी लड़ाई न विपक्ष से है, न जनता से – बल्कि अपने ही पूर्व साथियों और परिवार से है।
अब बड़ा सवाल यह है कि –
• क्या तेज प्रताप वाकई राजनीतिक वापसी कर पाएंगे?
• या फिर आरोप-प्रत्यारोप और निजी विवाद उनके भविष्य को और मुश्किल बना देंगे?
बिहार की राजनीति फिलहाल इन्हीं सवालों के इर्द-गिर्द घूम रही है।







