डॉ रजनीश कांत जब पहुंचे महाकुंभ में, महामंडलेश्वर,साधु संतों और हजारों श्रद्धालुओं का निःशुल्क किया इलाज

राजधानी पटना के डॉ रजनीश कांत के हाथों में गजब का जादू है. शरीर को छूकर हड्डियां चटका देते हैं तो शरीर का सारा दर्द गायब हो जाता है. डॉ रजनीश कांत को हाल ही में लंदन में इस विशेष कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है. डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह महीने में 15 दिन ही प्रैक्टिस करते हैं क्योंकि वह बिना दवाइयां का ट्रीटमेंट करते हैं. इसमें काफी फिजिकल एफर्ट लगता है. इसलिए उनके शरीर को भी आराम चाहिए होता है.
रजनीश माइग्रेन, ज्वाइंटपेन, स्पोर्ट्स इंजरी, हेडएक, डिस्क इंजरी, सर्वाइकल प्रॉब्लम, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों की थेरेपी करते हैं.
बता दें कि प्रयागराज में महाकुंभ लगा हुआ है. भारी संख्या में लोग कुंभ नहाने पहुंच रहे हैं. रोज करोड़ों लोग गंगा में डुबकी लगा रहे है. इसी क्रम में राजधानी पटना के जाने माने कैरियोप्राइटर रजनीकांत पहुंचे. डॉ. रजनीश कांत और उनकी टीम द्वारा महाकुंभ में नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है. जो कि सच्चे मानवता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. यह एक महान कार्य है, जिसमें वे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक रूप से भी लोगों की मदद कर रहे हैं। इस प्रकार के योगदान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आता है और यह लोगों के बीच में एक गहरी छाप छोड़ता है। महाकुंभ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में इस प्रकार की सेवा और समर्थन से अधिक श्रद्धा और आस्था का अनुभव होता है।

विश्व प्रसिद्ध कायरोप्रेक्टर और ओसटीयोपैथ एवं फिजियोथेरेपिस्ट डॉo रजनीश कान्त 30 जनवरी से 1 फरवरी तक अपने सारे टीम के साथ मिलकर अखंड भारत से आये हु जगत गुरु, महामंडलेश्वर, अनेक साधु संतो एवं हजारों श्रद्धालुओं के दर्द का ईलाज अपने पद्धति के द्वारा निशुल्क किया
बता दें कि हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कुंभ मेला हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जो उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। कुंभ मेला एक स्थान पर प्रत्येक 12 वर्ष में आयोजित होता है। इस प्रकर यह मेला इन 4 पवित्र स्थलों पर प्रत्येक 3 वर्षों में लगता है। इसे ‘पूर्ण कुंभ’ कहा गया और सामान्य रूप इसे ‘कुंभ मेला’ कहते हैं। लेकिन साल 2025 में प्रयागराज में लगने वाला कुंभ मेल एक महाकुंभ है।