अक्षरा सिंह का कोर्ट सरेंडर: माइक टूटे, भरोसा टूटा और अब कानून का दरवाज़ा

Bihar: इस वक़्त की बड़ी खबर भोजपुरी इंडस्ट्री से आ रही है, जहां सबकी चहेती अक्षरा सिंह एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गई है। आज बेगूसराय के न्यायालय परिसर में अचानक तब हलचल मच गई जब अक्षरा सिंह ने खुद को न्यायिक दंडाधिकारी ओम प्रकाश की अदालत में सरेंडर कर दिया। फैंस की भारी भीड़ कोर्ट के बाहर उनकी एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़ी। लेकिन सुरक्षा घेरे में अक्षरा सिंह सीधे कोर्ट पहुंचीं और जमानत याचिका दायर की।
पूरा विवाद लोकगायक शिवेश मिश्रा द्वारा दायर एक परिवाद पत्र (संख्या 2006/2023) से जुड़ा है। मिश्रा का आरोप है कि अक्टूबर 2023 में समस्तीपुर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए अक्षरा सिंह को ₹5.51 लाख में दो घंटे की परफॉर्मेंस के लिए अनुबंधित किया गया था। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब अक्षरा सिंह तय समय से ढाई घंटे देरी से पहुँचीं और मंच पर महज आधे घंटे की प्रस्तुति देने के बाद माइक तोड़ते हुए मंच छोड़कर चली गईं। आयोजक की लाख मिन्नतों के बावजूद वे रुकी नहींं थीं। न परफॉर्मेंस पूरी की, न ही फीस वापस दी। गई

आपको बता दें कि, शिवेश मिश्रा ने आरोप लगते हुए कहा, वो उन्हें प्रोफोम करने से ही पैसे दे दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा की अक्षरा को पता था की अगर वो प्रोफोम नहीं करेंगी तो काफी नुकशान और पब्लिक में हंगामे हो सकती है। जिसके बाद भी वो शो अधूरा छोड़कर चली गई। जिसके बाद शिवेश मिश्रा को आर्थिक और सामाजिक नुकसान झेलना पड़ा था।
वहीं, कोर्ट ने अक्षरा सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 427 (आपराधिक क्षति) के तहत आरोपित माना है। हालांकि, फिलहाल उन्हें 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई है। अक्षरा सिंह ने पहले ही गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी डाली थी, जिसे कोर्ट ने मंज़ूर कर लिया था। उसी आदेश के तहत उन्होंने आज आत्मसमर्पण किया और कानूनी प्रक्रिया का पालन किया।
इस केस को लेकर अगली सुनवाई में तय होगा कि क्या ये मामला कोर्ट के कटघरे से निकलकर सुलह की चौपाल तक पहुंचेगा, या फिर एक लंबी कानूनी लड़ाई की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है।