अनंत सिंह को कोर्ट से बड़ी राहत, 307 केस में मिली रिहाई, क्या 'छोटे सरकार' की वापसी शुरू हो गई है?
Patna: मोकामा के बाहुबली और बिहार की सियासत में ‘छोटे सरकार’ के नाम से मशहूर अनंत सिंह को पटना की अदालत से एक बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उनके खिलाफ चल रहे हत्या की कोशिश (IPC धारा 307) के केस में उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है।
क्या था मामला?
आपको बता दें कि ये घटना साल 2023 की है। भदौर थाना क्षेत्र में रघुनाथ प्रसाद सिंह को दिन-दहाड़े गोली मार दी गई थी। इलाका दहशत में था और हर तरफ बस एक ही सवाल गूंज रहा था। "इसके पीछे है कौन?" कुछ ही दिनों में इस हमले का जुड़ाव अनंत सिंह से जोड़ दिया गया। FIR में उनका नाम सीधे तौर पर "साजिशकर्ता" के रूप में दर्ज कर लिया गया। दावा किया गया कि भले ही अनंत सिंह बेउर जेल में बंद थे, मगर गोली चलवाने की साजिश उन्होंने ही रची थी।
जांच में नहीं मिला कोई ठोस सबूत
जांच एजेंसियों की पड़ताल के बाद साफ हुआ कि घटना के वक्त अनंत सिंह जेल में थे और उनके खिलाफ कोई ठोस साजिश का सबूत नहीं मिला। कोर्ट ने साफ कहा कि "सिर्फ नामजद कर देना काफी नहीं है, साज़िश के लिए सबूत चाहिए और वह इस केस में नहीं है।" इसी आधार पर अदालत ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया।
अब भी जेल में, लेकिन एक बड़ी कानूनी जीत
हालांकि, अनंत सिंह अब भी सोनू-मोनू फायरिंग केस में जेल में हैं और उस मामले में जमानत नहीं मिली है। लेकिन 307 केस से बरी होना उनके लिए एक कानूनी जीत और सियासी बढ़त मानी जा रही है। राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है कि क्या 'छोटे सरकार' की वापसी का रास्ता अब धीरे-धीरे साफ हो रहा है?
कौन हैं अनंत सिंह?
अनंत सिंह कभी मोकामा में गुर्जरों के नेता कहे जाते थे। लंबे समय तक सत्ता के करीब रहे, लेकिन फिर कई गंभीर आपराधिक मामलों में फंसते चले गए। उन पर हथियार रखने से लेकर हत्या की साजिश तक के आरोप हैं। बावजूद इसके, उनका दबदबा और फॉलोइंग आज भी उसी तरह बरकरार है।







