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Bihar Ambulance Gangrape: बोधगया में भर्ती के लिए आई युवती से चलती एंबुलेंस में गैंगरेप, तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर बोला हमला

 
tejashwi yadav

Bihar: बिहार के गया जिले से एक रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने कानून-व्यवस्था और इंसानियत दोनों पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। होमगार्ड की भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा लेने बोधगया आई 26 साल की युवती के साथ चलती एंबुलेंस में गैंगरेप किया गया। युवती उस वक्त बेहोश थी और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था।

क्या है पूरा मामला?

घटना बोधगया के बीएमपी-3 परिसर की है। भर्ती के दौरान युवती की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया जा रहा था। लेकिन रास्ते में एम्बुलेंस के अंदर ही 3-4 लोगों ने बारी-बारी से उसका बलात्कार किया। पीड़िता जब होश में आई, तब उसने पुलिस को बताया कि एंबुलेंस में मौजूद ड्राइवर और टेक्नीशियन सहित चार लोगों ने उसके साथ दरिंदगी की। पीड़िता इमामगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली है।

अब तक की कार्रवाई 

  • पीड़िता के बयान पर बोधगया थाने में एफआईआर दर्ज की गई है
  • गया के एसएसपी आनंद कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए SIT का गठन किया है
  • दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है
  • पुलिस CCTV फुटेज की मदद से बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है
  • पीड़िता के अनुसार गाड़ी में कम से कम चार आरोपी थे, लेकिन अब तक दो की ही गिरफ्तारी हुई है

तेजस्वी यादव का हमला

इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा: "गया में भर्ती के लिए आई एक बेटी को बेहोशी की हालत में प्रशासन द्वारा बुलाई गई एम्बुलेंस में ही गैंगरेप का शिकार बना दिया गया। क्या इसे राक्षस राज कहेंगे?"

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तेजस्वी ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि: नीतीश- मोदी की सरकार में बेटियों की अस्मिता हर दिन लूटी जा रही है। लेकिन ना कोई मंत्री बोलेगा, ना डिप्टी सीएम की जुबान खुलेगी। ऐसी चुप्पी भी अपराध की श्रेणी में आती है।

क्या कहती है सरकार?

घटना पर सरकारी स्तर पर अभी तक कोई बड़ा बयान सामने नहीं आया है। लेकिन विपक्ष के हमले और जनता में उबाल को देखते हुए यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

सवाल जो उठ रहे हैं:

  • भर्ती प्रक्रिया जैसी संवेदनशील व्यवस्था में एम्बुलेंस स्टाफ की जांच क्यों नहीं होती?
  • बेहोश युवती के साथ अकेले एंबुलेंस में भेजना कितना सुरक्षित था?
  • सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों पर मौन क्यों है?

गया की यह घटना सिर्फ एक युवती के साथ नहीं हुई है, यह पूरे सिस्टम की संवेदनहीनता की पोल खोलती है। एंबुलेंस जो ज़िंदगी बचाने का जरिया होती है। जब दरिंदगी का अड्डा बन जाए, तो समाज और सरकार दोनों को आईना देखने की ज़रूरत है। अब देखना ये है कि बाकी आरोपी कब पकड़ में आते हैं और पीड़िता को इंसाफ कब तक मिलता है।