Bihar Election 2025: मोकामा में बढ़ी सियासी गर्मी, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह को चुनाव आयोग का नोटिस- 24 घंटे में मांगा जवाब
Patna Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। प्रचार का शोर आज शाम 5 बजे थम जाएगा, लेकिन मोकामा की सियासत इससे पहले ही गरम हो गई है। दुलारचंद यादव हत्याकांड के बीच अब केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह मुश्किल में आ गए हैं।
चुनाव आयोग ने ललन सिंह को 24 घंटे के भीतर जवाब देने का नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई मोकामा में उनके एक बयान को लेकर की गई है, जिसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार, ललन सिंह ने मोकामा में एक जनसभा के दौरान विवादित बयान दिया था। इस बयान के आधार पर बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने उन्हें नोटिस भेजा है। चुनाव आयोग ने उनके बयान को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला हो सकता है।
सोशल मीडिया पर ललन सिंह का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। कथित तौर पर उसमें वे विपक्षी वोटरों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि न्यूज़ हाट नहीं करता है।
चुनाव आयोग ने कहा- 24 घंटे में दें जवाब
चुनाव आयोग ने नोटिस में ललन सिंह से पूछा है कि आखिर उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया, और यह आचार संहिता का उल्लंघन कैसे नहीं है। आयोग ने साफ किया है कि अगर निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
इस मामले को विपक्षी दलों ने तुरंत भुनाने की कोशिश की है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए ललन सिंह पर वोटरों को प्रभावित करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में दखल का आरोप लगाया है।
अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में ललन सिंह संभाल रहे मोर्चा
गौरतलब है कि मोकामा से जेडीयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। दुलारचंद यादव मर्डर केस में गिरफ्तार अनंत सिंह फिलहाल बेऊर जेल में बंद हैं। ऐसे में जेडीयू ने मोकामा सीट पर ललन सिंह को प्रचार की कमान सौंप दी है।
पिछले दिनों एक सभा में ललन सिंह ने कहा था, “अनंत सिंह की गैरमौजूदगी में मोकामा की जनता ही अब अनंत सिंह है। हर एक वोटर अनंत सिंह बनकर मैदान में उतरे।” उनका यह बयान अब राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है, और इसी के बाद चुनाव आयोग ने उनसे जवाब तलब किया है।
मोकामा बना चुनावी चर्चा का केंद्र
पहले चरण के मतदान से ठीक पहले मोकामा न केवल हत्या और गिरफ्तारी की राजनीति का केंद्र बना हुआ है, बल्कि अब चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों का भी हॉटस्पॉट बन चुका है।
एक तरफ अनंत सिंह जेल में हैं, दूसरी ओर ललन सिंह प्रचार में हैं और अब उन पर आयोग का शिकंजा कस गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद चुनाव से ठीक पहले जेडीयू के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ललन सिंह क्या जवाब देते हैं और क्या वह आयोग की कार्रवाई से खुद को बचा पाएंगे या नहीं।







