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बिहार: मां ने किया ममता को शर्मसार, नवजात बच्ची को जिंदा दफनाया, पड़ोसियों ने बचाई जान

अपने बच्चे को हर मां बहुत प्यार करती है, फिर चाहे वह बेटा हो या बेटी. लेकिन सोचिए अगर मां ही उस बच्चे की जान ले ले तो इससे बड़ी दु:खद बात और क्या होगी? ममता को शर्मसार करने वाला ऐसा ही एक मामला बिहार के लखीसराय जिले के कबैया थाना क्षेत्र से सामने आया… Read More »बिहार: मां ने किया ममता को शर्मसार, नवजात बच्ची को जिंदा दफनाया, पड़ोसियों ने बचाई जान
 
बिहार: मां ने किया ममता को शर्मसार, नवजात बच्ची को जिंदा दफनाया, पड़ोसियों ने बचाई जान

अपने बच्चे को हर मां बहुत प्यार करती है, फिर चाहे वह बेटा हो या बेटी. लेकिन सोचिए अगर मां ही उस बच्चे की जान ले ले तो इससे बड़ी दु:खद बात और क्या होगी? ममता को शर्मसार करने वाला ऐसा ही एक मामला बिहार के लखीसराय जिले के कबैया थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक मां ने बेटी के जन्म लेते ही उसे जिंदा दफनाने की कोशिश की. ममता को तारतार कर देने वाला यह मामला ऐसा है जो सबके होश उड़ा देगा. हालांकि, पड़ोसियों की तत्परता से उस बच्ची की जान बचा ली गई.

थाना क्षेत्र के पंजाबी मुहल्ला के नजदीक अशोक यादव की पत्नी लक्ष्मी देवी उर्फ ऋचा देवी ने घर में ही एक बच्ची को जन्म दिया था. शनिवार की देर शाम लक्ष्मी अपनी सात दिन की बच्ची को मिट्टी में जिंदा दफना रही थी. बच्ची को कंबल में लपेटकर गड्ढे में डाल दिया और उसपर करीब आधा दर्जन से अधिक ईंटें रख दी. इस बीच पड़ोस की छत से एक महिला की नजर जब उस पर पड़ी तो वह दंग रह गई. उक्त महिला ने शोर मचाना शुरू किया तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए. लोगों ने तुरंत लक्ष्मी के घर में प्रवेश कर बच्ची को गड्ढे से बाहर निकाला. इसके बाद उन्होंने उस बच्ची को कंबल से बाहर निकाला.

घटनास्थल पर जांच करने पहुंचे कवैया थाना के एसआई कृत्या नंद सिंह ने बताया कि लक्ष्मी देवी बच्ची को कूड़े के ढेर में छिपाकर रख रही थी. बताया यह भी जा रहा हैं कि महिला का पति घर पर नहीं था. पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है. लोगों ने स्थानीय वार्ड पार्षद के अध्यक्ष को भी इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंचे नगर परिषद् के अध्यक्ष ने पुलिस के सहयोग से बच्ची को पहले पचना रोड स्थित एक निजी क्लिनिक में भर्ती कराया और उसके बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया. नवजात बच्ची को फिलहाल एसएनसीयू में भर्ती किया गया है. बच्ची की हालत अब खतरे के बाहर बताई जा रही है. गौरतलब है कि एक तरफ जिस समाज में बेटियों को पढ़ाने और उन्हें बेटों के समान अधिकार देने की बात होती है वहीं दूसरी तरफ ऐसी घटनाओं का सामने आना इस समाज के दोहरे चरित्र को दर्शाता है.