पारस हॉस्पिटल की लापरवाही या पुलिस की? कौन है जिम्मेदार, ADG ने किसानों का क्यों किया इस मामले में ज़िक्र?
Patna: इस वक्त की ताज़ा खबर पटना से है, जहां अपराधियों ने पूरे शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इतना ही नहीं, अपराधी पुलिस प्रशासन के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं। और लगातार आपराधिक घटनाओ को अंजाम दे रहे हैं। जहां पिछले दिनों अपराधियों ने जाने-माने व्यवसायी गोपाल खेमका को निशाना बनाया था, वहीं अब पटना के टॉप अस्पतालों में से एक पारस अस्पताल में 5 अपराधियों ने घुसकर कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को गोलियों से छलनी कर दिया।
इस घटना से कई सवाल उठते हैं, पहला तो ये कि पारस जैसे अस्पताल बिहार के टॉप अस्पतालों में गिने जाते हैं। वहाँ ऐसी घटना कैसे हो गई? जबकि वहाँ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। घटना के बाद अस्पताल और आस-पास के इलाकों में डर का माहौल बना हुआ है।
पटना में हर दिन हो रहे आपराधिक घटना को लेकर सरकार पर सावल उठाए जा रहे हैं। इस घटना को लेकर पप्पू यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जहां उन्होंने कहा है कि, '' अब मैं खुद को भी सुरक्षित महसूस नहीं करता हूँ''।
आपको बता दें कि पटना में हो रहे अपराध को लेकर ADG ने कहा- सालों से अप्रैल, मई और जून में ज्यादा मडर्र होते आ रहे हैं, जब तक बरसात नहीं होती है तब तक यह सिलसिला जारी रहता है। क्योंकि ज्यादा तर किसान इसी समय खाली रहते हैं। बरसात होने के बाद सभी कृषक समाज के लोग व्यस्त हो जाते है और इस तरह की घटना घटती है। इस समय चुनावी माहौल है, इसलिए ऐसी घटनाओं पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है। इस समय, पैसे के लिए युवक सुपारी लेते हैं। प्रशासन इस बात से चिंतित था।
वहीं, ADG के ऐसे बयान के बाद बिहार में हड़कंप मंच गया है। इसी को लेकर सोशल मीडिया X पर तेजश्वी यादव के सपोर्टर पेज पर पोस्ट किया गया है। जिसमें लिखा है: नीतीश सरकार का मानना है कि मई-जून में ज्यादा मर्डर और क्राइम होते हैं क्योंकि किसानों के पास इस समय काम नहीं होता है!
बेशर्म हो चुकी
शासन-प्रशासन को नहीं है होश
इसीलिए किसानों पर मढ़ रहे हैं दोष!

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पोस्ट करते हुए लिखा- ''सरकारी अपराधियों ने अस्पताल में भर्ती मरीज को ICU में घुसकर मारी गोली। बिहार में कोई भी कहीं भी सुरक्षित नहीं? 2005 से पहले ऐसे होता था जी?''

हालांकि, पांचों अपराधियों की पहचान हो गई है। जिसमें एक मुजफ्जफरपुर का रहने वाला है, STF की टीम राजधानी समेत फुलावरी शरीफ के अलग-अलग इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। इस घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल और पुलिस को इसका जिम्मेदार ठहराया है। वहीँ, इस घटना से आक्रोशित लोगों ने रोड को जाम कर दिया है और प्रदर्शन कर रहे हैं।







