मोकामा के 'छोटे सरकार' को पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत, सोनू-मोनू गोलीकांड में मिली जमानत
अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट से मिली ज़मानत
सोनू-मोनू गोलीकांड में जनवरी 2025 से थे जेल में
करीब 70 राउंड फायरिंग का मामला, वीडियो भी हुआ था वायरल
मामले में पहले ही सोनू को मिल चुकी है बेल
आगामी चुनाव से पहले अनंत सिंह की वापसी के सियासी मायने
Patna: मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को पटना हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उन्हें बहुचर्चित सोनू-मोनू गोलीकांड मामले में जमानत दे दी है। इस मामले को लेकर लंबे समय से बिहार की राजनीति में चर्चाओं का बाजार गर्म था।
जस्टिस चंद्रशेखर झा की एकल पीठ ने इस केस में सुनवाई करते हुए अनंत सिंह को बेल देने का आदेश सुनाया। अनंत सिंह जनवरी 2025 से जेल में बंद थे और अब बेल मिलने के बाद उनके जेल से रिहा होने का रास्ता साफ हो गया है। उनके समर्थकों में इस फैसले के बाद जबरदस्त उत्साह है और इसे राजनीतिक वापसी की जमीन तैयार होने के रूप में देखा जा रहा है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले।
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा विवाद 22 जनवरी 2025 से शुरू होता है। सोनू और मोनू नामक दो युवकों ने अपने ही ईंट-भट्ठा कर्मचारी मुकेश सिंह पर 68 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया और उसके घर में ताला जड़ दिया।
मुकेश ने अनंत सिंह से मदद मांगी।
इस पर अनंत सिंह अपने समर्थकों के साथ जलालपुर पहुंचे और सोनू-मोनू से बातचीत करने नौरंगा गांव चले गए। यहीं दोनों पक्षों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। बताया गया कि करीब 70 राउंड फायरिंग हुई। अगले दिन यानी 23 जनवरी को मुकेश के घर फिर से फायरिंग हुई। पुलिस ने जांच में मोनू को गिरफ्तार कर भागलपुर जेल भेज दिया। मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसके आधार पर अनंत सिंह पर भी केस दर्ज हुआ और उन्हें गिरफ्तार किया गया।
अब कोर्ट से मिली जमानत
अनंत सिंह ने गिरफ्तारी के बाद पटना हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दी थी। मंगलवार को कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी। इससे पहले इसी केस में सोनू को भी जमानत मिल चुकी है। अब अनंत सिंह के रिहा होने का रास्ता साफ हो गया है।
अनंत सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि
- अनंत सिंह का मोकामा की राजनीति में दबदबा रहा है।
- 2005 से 2022 तक लगातार विधायक रहे।
- 2022 में अयोग्य ठहराए जाने के बाद उनकी पत्नी नीलम देवी उपचुनाव जीतकर विधायक बनीं।
- अनंत सिंह को उनके समर्थक प्यार से 'छोटे सरकार' कहकर बुलाते हैं।







