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क्या लीची खाने से हो रहा चमकी बुखार? जानें लीची के अनेक फायदे

बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है. इस बीमारी की वजह से बिहार में अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत बताई जा रही है. मुजफ्फरपुर कस्बा इंसेफलाइटिस की सबसे ज्यादा चपेट में है. 1995 से ही यह बीमारी यहां बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है. हर साल मई और जून के… Read More »क्या लीची खाने से हो रहा चमकी बुखार? जानें लीची के अनेक फायदे
 

बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है. इस बीमारी की वजह से बिहार में अबतक 100 से ज्यादा बच्चों की मौत बताई जा रही है. मुजफ्फरपुर कस्बा इंसेफलाइटिस की सबसे ज्यादा चपेट में है. 1995 से ही यह बीमारी यहां बच्चों को अपना शिकार बनाती आई है. हर साल मई और जून के महीने में बिहार के विभिन्न कस्बे इस बीमारी की चपेट में आते हैं और बच्चों के मरने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

बिहार में इंसेफलाइटिस के पीछे की वजह खाली पेट लीची खाने को भी बताया गया है. हालांकि इसे लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है लेकिन जांच रिपोर्ट में बीमारी की वजह को लीची भी बताया गया है. लीची का फल गर्मियों में ही होता है. यह छोटा-सा फल काफी पौष्टिक होता है. चीन में लीची दवाई के तौर पर उपयोग में लाया जाता है. आइए जानते हैं छोटे-से फल लीची में कौन-से विटामिन होते हैं और इनका स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है.

लीची में एंटीऑक्सीडेंट

लीची के फल में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है. इस फल में विटामिन सी और विटामिन बी की मात्रा होती है. खून के उत्पादन के लिए लीची का फल काफी पौष्टिक होता है. इस फल में मैग्नेशियम, कॉपर, आयरन जैसे खनीज होते हैं.

लीची में फाइबर

लीची के फल में फाइबर की मात्रा में काफी होती है. इस फल में विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स की मात्रा होती है जो मेटाबॉलिज्म फैट को बढ़ाता है. लीची में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी होती है. लीची में एंटीऑक्सीडेंट की इतना मात्रा होती है कि यह जल्द बुढ़ापे की समस्या से भी निजात दिलाता है.

लीची में पोटेशियम

लीची में पोटेशियम की मात्रा भी होती है जो कि शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित करता है. इसके अलावा हाई पोटेशियम शरीर में फ्लूड लेवल को भी नियंत्रित करता है. इससे हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है और स्ट्रोक जैसी बीमारी नहीं होती है.

अस्थमा की बीमारी से बचाती है लीची

लीची अस्थमा की बीमारी से भी बचाती है. इस फल में फाइबर की सबसे ज्यादा मात्रा होती है जो कि हृदय संबंधी रोगों से बचाव के लिए सबसे ज्यादा पौष्टिक तत्व है.

लेकिन सवाल उठता है कि इतने विटामिन और मिनरल के बाद भी लीची कैसे इंसेफलाइटिक की वजह हो सकती है. दरअसल, इंडियाज नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में छपी जांच रिपोर्ट ने इस बीमारी के कई वजहों में से एक लीची को भी बताया. खाली पेट लीची खाने को इस बीमारी की वजह बताया गया है. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि इतने छोटे बच्चे लीची कैसे खा सकते हैं? लासेंट ग्लोबल हेल्थ में छपी रिपोर्ट में भी इस बीमारी की वजह को लीची ही बताया गया है.