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मंकीपॉक्स पर चौंकाने वाली रिसर्च: रिकवरी के बाद भी वायरस थूक, यूरिन, मल में भी मौजूद

 


वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि मंकीपाक्स (Monkeypox)का कहर बरपने लगा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपाक्स के प्रकोप को  वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है. डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार, मंकीपाक्स दुनिया के 70 से अधिक देशों में फैल चुका है.

मंकीपाक्स के खतरे को देखते हुए वैज्ञानिकों के द्वारा तरह तरह का रिसर्च चल रहा है. ये बीमारी यौन रोग है या नहीं, इस पर दुनियाभर के एक्सपर्ट्स बंटे हुए हैं. मगर लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. वैज्ञानिकों का कहना है कि रिकवरी के बाद भी मंकीपॉक्स वायरस पुरुषों के सीमेन में हफ्तों तक रह सकता है.

अब तक हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते आए हैं कि मंकीपॉक्स सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) नहीं है. इसका संक्रमण संक्रमित मरीज के दाने, बॉडी फ्लुइड्स या छुई हुई चीजें जैसे बिस्तर से फैलता है.

घाव से भी फैल सकती है बीमारी

शोध के मुताविक घाव में वायरस से दूषित चीज लगने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है. साथ ही ज्यादा देर तक फेस टू फेस बात करने से भी रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस के फैलने का खतरा होता है. हालांकि, यह जेनिटल फ्लुइड्स से फैलता है या नहीं, इस पर रिसर्च जारी है.

वहीँ रिसर्च के मुताविक लक्षण आने के कई हफ्तों बाद भी मंकीपॉक्स वायरस का DNA मरीजों के सीमेन में पाया जा सकता है. रिसर्च टीम ने यह नतीजे 39 साल के मरीज की जांच कर दिए हैं. शख्स ने मई के शुरुआती 2 हफ्तों में ऑस्ट्रिया की यात्रा की थी. उसने बताया था कि वह एक सेक्स वर्कर है और एक महीने पहले ही उसने कई पुरुषों के साथ असुरक्षित सेक्स किया है.

शख्स HIV का मरीज भी है और उसे मंकीपॉक्स के लक्षण आने के 5 दिन बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था. उसे बुखार के साथ ही प्राइवेट पार्ट्स में मवाद से भरे दाने थे. यह दाने उसके सिर, हाथ और पैरों में भी फैल गए थे.

यह केस इस बात का सबूत है कि मंकीपॉक्स सेक्शुअल एक्टिविटी के जरिए भी फैल सकता है. हालांकि, मरीज पहले से ही STD से जूझ रहा था, इसलिए इस बारे में और रिसर्च करने की जरूरत है.

थूक, यूरिन, मल में भी मंकीपॉक्स

स्पेन में की गई एक अन्य रिसर्च में थूक और यूरिन जैसी चीजों में भी मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है. 12 मरीजों पर हुई इस रिसर्च में नाक, रेक्टल और मल में भी वायरस का DNA पाया गया है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि मंकीपॉक्स खून या सीमेन से दूसरे लोगों में ट्रांसफर हो सकता है.

दुनिया में मामले 28,000 के पार

Monkeypoxmeter.com के डेटा के मुताबिक, अब तक 93 देशों में 28,777 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा 17,036 लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं. वहीं, बीमारी से ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और ब्राजील हैं.