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अग्निपथ योजना आंदोलन के दौरान गिरफ्तार आंदोलनकारियों को तत्काल रिहा करे बिहार सरकार - आइसा

Report: Lavanya Bubna 
 

पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा सेना में संविदा पर भर्ती करने हेतु अग्निपथ योजना लाई गयी जो सेना को निजीकरण के हवाले कर देगा. सेना में ठेके पर बहाली देश की सुरक्षा के साथ - साथ नौजवानों के लिए भी खतरनाक है. इस योजना के खिलाफ़ समूचे बिहार समेत देशभर में आक्रमकपूर्ण तरीके से आंदोलन हुआ.आंदोलन के दौरान हज़ारों नौजवानों पर मुक़दमे दर्ज किया और उनको जेल में डाल दिया गया. तब भाजपा- जदयू गठबंधन की सरकार बिहार में चल रही थी और इस योजना के खिलाफ सत्ताधारी दल जदयू भी था.

आज बिहार में सरकार बदल चुकी है. छात्र संगठन आइसा आज समूचे राज्य में अग्निपथ योजना के खिलाफ से प्रतिरोध दर्ज किया. साथ में आइसा मांग करता है कि बिहार में अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन में नौजवानों पर दर्ज मुकदमें बिना शर्त बिहार सरकार वापस ले और जेल में बंद सभी क्रांतिकारी नौजवानों को रिहा करें.

आइसा राज्य सह सचिव दिव्यम व राज्य उपाध्यक्ष कुमारी प्रीति में संयुक्त रुप से कहा कि आज राजद- जदयू एक मिलकर सरकार चला रहे है. दोनों ही पार्टियां इस योजना के खिलाफ थी परंतु आज सरकार में आने के बाद इस पर कोई पहलकदमी नहीं हो रही है. अतः हम सरकार को याद दिलाना चाहते है कि आइसा नौजवानों के सवाल के साथ खड़ा है और मांग करता है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन के दौरान जितने भी नौजवानों पर मुकदमें दर्ज हुए उसको बिना शर्त वापस लिया जाना चाहिए अन्यथा इस मांग को लेकर एक बार पुनः समूचे बिहार में आक्रमक आंदोलन किया जाएगा.

इस प्रतिरोध में आइसा बिहार राज्य उपाध्यक्ष प्रीति,राज्य सह-सचिव कुमार दिव्यम, मनीषा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य नीरज, पटना विश्विद्यालय आइसा सह संयोजक आदित्य रंजन अनिमेष चंदन, आइसा नेता आशीष कुमार एवं राजा कुमार समेत अन्य साथी मौजूद थे.