देवघर में दर्दनाक सड़क हादसा: कांवड़ यात्रा के दौरान बस-ट्रक टक्कर में 18 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
कांवड़ यात्रा के दौरान हुआ हादसा
बताया जा रहा है कि बस में सवार सभी यात्री श्रावण महीने में कांवड़ यात्रा पर निकले हुए श्रद्धालु थे। तड़के करीब 4:30 बजे यह दुर्घटना गोड्डा-देवघर मुख्य मार्ग पर हुई जब बस सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई।
अब तक जिनकी पहचान हुई:
हादसे में जान गंवाने वालों में छह श्रद्धालुओं की पहचान हो चुकी है, जिनमें पांच बिहार से हैं:
- समदा देवी (38), तारेगना, पटना
- सुमन कुमारी (30), सोनरा, पश्चिमी चंपारण
- दुर्गावती देवी (45), मकरजी, पश्चिमी चंपारण
- शिवराज उर्फ पीयूष (17), खजमा, वैशाली
- देवकी प्रसाद (45), तारेगना, पटना
- सुभाष तुरी (30), बस ड्राइवर, चकरामा, देवघर
सीएम हेमंत सोरेन और पीएम मोदी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा, "यह बेहद दर्दनाक खबर है। जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए गए हैं। बाबा बैद्यनाथ सभी मृतकों की आत्मा को शांति दे और परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की, देवघर में हुई यह दुर्घटना अत्यंत दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। ईश्वर उन्हें यह पीड़ा सहने की शक्ति दे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का बयान
देवघर से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि "श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के दौरान यह दुखद हादसा हुआ जिसमें 18 श्रद्धालुओं की जान चली गई। ईश्वर सभी को यह दुःख सहने की शक्ति दे।"
घायलों की हालत गंभीर, मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है
हालांकि शुरुआती रिपोर्टों में मृतकों की संख्या अलग-अलग बताई जा रही थी। किसी अधिकारी ने 5 मौतों, तो किसी ने 9 मौतों की पुष्टि की थी। लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर 18 तक पहुंच गई। कई घायल अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
जिला प्रशासन अलर्ट पर
देवघर प्रशासन, पुलिस और राहत टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया है। घटनास्थल पर राहत और बचाव का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
यह हादसा ना सिर्फ कांवड़ यात्रा को झकझोर देने वाला है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर और कितनी गंभीरता की जरूरत है। प्रशासन से लेकर सरकार तक सभी की ज़िम्मेदारी है कि भविष्य में ऐसे हादसे दोबारा न हों।







