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झारखंड की जेलों में 1965 पद खाली, अब 1912 अतिरिक्त पद सृजित होंगे

Jharkhand Desk: राज्य की विभिन्न जेलों में इस समय कुल 1965 पद खाली पड़े हैं, जिनमें लंबे समय से कोई नियुक्ति नहीं हो सकी है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब सरकार ने 1912 नए पदों के सृजन का प्रस्ताव तैयार किया है.  इन पदों में कारापाल, सहायक कारापाल, मुख्य उच्च कक्षपाल, उच्च कक्षपाल और कक्षपाल जैसे प्रमुख पद शामिल हैं.
 
JHARKHAND NEWS

Jharkhand Desk: झारखंड की जेलों में स्टाफ की भारी कमी लगातार सामने आ रही है. राज्य की विभिन्न जेलों में इस समय कुल 1965 पद खाली पड़े हैं, जिनमें लंबे समय से कोई नियुक्ति नहीं हो सकी है. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब सरकार ने 1912 नए पदों के सृजन का प्रस्ताव तैयार किया है.  इन पदों में कारापाल, सहायक कारापाल, मुख्य उच्च कक्षपाल, उच्च कक्षपाल और कक्षपाल जैसे प्रमुख पद शामिल हैं.

नए पदों के निर्धारण और सृजन को लेकर जेल निदेशक प्रशासन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसने हाल ही में गृह विभाग को अपना प्रस्ताव सौंप दिया है. विभाग अब इस पर विचार कर रहा है. सरकार का कहना है कि नए पदों के बनने से जेल व्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा.

हालांकि, सवाल यह उठता है कि जब पहले से स्वीकृत पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है, तो नए पदों पर नियुक्ति कैसे होगी। मौजूदा हालात में राज्य की जेलों में कारापाल के 30 स्वीकृत पदों में से केवल 5 पर ही कर्मचारी कार्यरत हैं. इसी तरह सहायक कारापाल के 67 पदों में से 62 खाली हैं, जबकि पुरुष कक्षपाल के 1699 पदों में से केवल 45 पर ही लोग तैनात हैं.

जेल प्रशासन का कहना है कि पदों की भारी कमी के कारण जेलों की सुरक्षा व्यवस्था और कैदियों के प्रबंधन में भारी परेशानी हो रही है. कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन स्टाफ की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए मॉडल प्रिजन मैनुअल 2016 के तहत नए पदों के सृजन की सिफारिश की गई है. जेल आईजी द्वारा गृह विभाग को भेजे गए पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मौजूदा ढांचे में प्रमोशन के जरिए पद भरना संभव नहीं है. 

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कारापाल से काराधीक्षक के पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया बहुत धीमी है और 25 फीसदी पदों को भरने में भी एक दशक लग सकता है. इसके अलावा, मुख्य उच्च कक्षपाल के पद भी बहुत कम हैं, जिसके कारण सहायक कारापाल की प्रोन्नति भी रुक रही है. इस बीच झारखंड हाईकोर्ट ने भी जेलों की बदहाल स्थिति पर संज्ञान लिया है और सरकार से जवाब मांगा है कि खाली पदों को भरने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं. सरकार ने अदालत को जानकारी दी कि नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है.