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झारखंड हाईकोर्ट के फटकार के बाद रांची नगर निगम अब अपने कर्त्तव्यों का पालन करती हुई जलाशयों को अतिक्रमण और प्रदूषण मुक्त करने का काम करना शुरू की...

Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम और बड़ा तालाब (रांची लेक) समेत सभी जलाशयों से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही जलग्रहण क्षेत्रों को नो एंट्री जोन घोषित कर अवैध निर्माणों पर रोक लगाने को कहा गया है. हाईकोर्ट का मानना है कि कैचमेंट एरिया में हो रहे निर्माण न केवल पानी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित करते हैं बल्कि भविष्य में गंभीर जल संकट का कारण भी बन सकते हैं...
 
RANCHI NAGAR NIGAM

Ranchi: राजधानी के प्रमुख जलाशयों को बचाने और शहर की जल व्यवस्था को सुरक्षित एवं मजबूत रखने की दिशा में लगातार काम हो रहा है. दरअसल, झारखंड हाईकोर्ट के सख्त निर्देश के बाद रांची नगर निगम एक्शन मोड में नजर आ रहा है.

polluted water bodies in city

अदालत का स्पष्ट आदेश है कि जलाशयों के आसपास किसी भी तरह का अतिक्रमण, अवैध निर्माण और प्रदूषण को कतई बर्दाश्त न किया जाए और कार्रवाई में किसी तरह का पक्षपात न हो. इन निर्देशों को शहर के जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है. 

झारखंड हाईकोर्ट ने कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम और बड़ा तालाब (रांची लेक) समेत सभी जलाशयों से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही जलग्रहण क्षेत्रों को नो एंट्री जोन घोषित कर अवैध निर्माणों पर रोक लगाने को कहा गया है. हाईकोर्ट का मानना है कि कैचमेंट एरिया में हो रहे निर्माण न केवल पानी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित करते हैं बल्कि भविष्य में गंभीर जल संकट का कारण भी बन सकते हैं.

जलाशयों में दूषित पानी छोड़ने वाले नालों की पहचान

इन आदेशों के अनुपालन में रांची नगर निगम ने जलाशयों के आसपास निगरानी बढ़ा दी है. निगम की टीमें नियमित रूप से निरीक्षण कर रही हैं ताकि कचरा फेंकने, गंदे नालों को सीधे जलाशयों में छोड़ने और अवैध निर्माण जैसी गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके. रांची नगर निगम का कहना है कि दूषित पानी को जलाशयों में जाने से रोकने के लिए नालों की पहचान की जा रही है और चरणबद्ध तरीके से उनके उपचार की व्यवस्था की जा रही है.

जलाशयों से जुड़ी हर समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है. चाहे जलाशयों में गंदगी फैलाने की बात हो, कचरा गिराने का मामले हो या फिर तालाबों के इर्द-गिर्द अतिक्रमण समेत हर स्तर पर सख्ती बरती जा रही है. झारखंड हाईकोर्ट के सभी निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है और किसी भी मामले में पिक एंड चूज की नीति नहीं अपनाई जाएगी: सुशांत गौरव, आयुक्त, रांची नगर निगम

हाईकोर्ट के आदेश पर नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की गई जांच रिपोर्ट के आधार पर निगम आगे की कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर रहा है. इसमें संवेदनशील इलाकों की पहचान, अतिक्रमण हटाने की प्राथमिकता तय करना और भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय शामिल हैं. वहीं पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि नगर निगम की सक्रिय भूमिका से जलाशयों की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार दिख सकता है. यदि यह अभियान निरंतर चला और आम लोगों की भागीदारी भी इसमें जुड़ी तो रांची के जलाशय न केवल साफ होंगे बल्कि शहर को लंबे समय तक स्वच्छ और सुरक्षित जल उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी. हाईकोर्ट के निर्देश और नगर निगम की सक्रियता मिलकर रांची के जल स्रोतों को नई जिंदगी देने की उम्मीद जगा रहे हैं.