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ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन की हुई शुरुआत... पहला बार बाघों की गिनती के साथ-साथ गिद्धों और हाथियों की भी होगी गिनती...

Palamu: झारखंड में बाघों की गिनती चार चरण में की जानी है. पहले चरण की शुरुआत 15 दिसंबर से होगी, जबकि अंतिम चरण अप्रैल के महीने में खत्म हो जाएगा. बाघों की गिनती के लिए झारखंड को छह अलग-अलग रीजन में बांटा गया है. जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व, दुमका, रांची, हजारीबाग, बोकारो और सारंडा का इलाका शामिल है.
 
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Palamu: ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन की शुरुआत हो गई है. झारखंड में 15 दिसंबर से बाघों की गिनती शुरू होगी. भारत में बाघों की गिनती की प्रक्रिया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. झारखंड में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बाघों की गिनती के दौरान गिद्धों और हाथियों की भी गिनती होगी. टाइगर एस्टीमेशन (गिनती) को लेकर झारखंड के नोडल सीसीएफ वाइल्ड लाइफ सह पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक एसआर नटेश ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीटीआर के निदेशक एसआर नटेश ने टाइगर एस्टीमेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इस मौके पर पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डिप्टी डायरेक्टर कुमार आशीष और प्रजेशकांत जेना भी मौजूद रहे. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने एसआर नटेश को टाइगर एस्टीमेशन के लिए झारखंड का नोडल बनाया है, जबकि डिप्टी डायरेक्टर प्रजेशकांत जेना को पलामू टाइगर रिजर्व का नोडल बनाया गया है.

झारखंड में बाघों की गिनती चार चरण में की जानी है. पहले चरण की शुरुआत 15 दिसंबर से होगी, जबकि अंतिम चरण अप्रैल के महीने में खत्म हो जाएगा. बाघों की गिनती के लिए झारखंड को छह अलग-अलग रीजन में बांटा गया है. जिसमें पलामू टाइगर रिजर्व, दुमका, रांची, हजारीबाग, बोकारो और सारंडा का इलाका शामिल है.

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टाइगर एस्टीमेशन के लिए पूरे झारखंड में 1600 फॉरेस्ट गार्ड का इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि पीटीआर में 110 फॉरेस्ट गार्ड और 300 ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाएगा. बाघों की गिनती के लिए पलामू टाइगर रिजर्व में 700 कैमरे लगाए गए हैं. जरूरत के अनुसार पलामू टाइगर रिजर्व के बाहर भी कैमरा लगाया जाएगा. पलामू टाइगर रिजर्व के कूटकू के इलाके में कैमरा ट्रैकिंग की प्रक्रिया खत्म भी हो गई है.

भारत में बाघों की गिनती की प्रक्रिया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. टाइगर एस्टीमेशन को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. संबंधित सभी वन कर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है. इस बार टाइगर एस्टीमेशन के दौरान गिद्ध और हाथी को लेकर भी डाटा को इकट्ठा किया जाएगा. गिनती की प्रक्रिया के दौरान मैनपावर एक बड़ी चुनौती है. नियमानुसार एक-एक इलाके में 21 दिन तक कैमरा रखना है. लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व ने योजना तैयार की है कि एक इलाके में 28 दिनों तक कैमरा को लगाया जाएगा. टाइगर एस्टीमेशन चार चरणों में किया जाएगा, झारखंड में बाघों की गिनती के लिए टाइमलाइन निर्धारित कर दी गई है एवं अप्रैल तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी: एसआर नटेश, सीसीएफ वाइल्ड लाइफ सह डायरेक्टर पलामू टाइगर रिजर्व

पहली बार पूरे झारखंड में टाइगर एस्टीमेशन किया जा रहा है. टाइगर एस्टीमेशन के दौरान बिग कैट फैमिली में शामिल सभी जीवों के डाटा को इकट्ठा किया जाना है. जबकि प्रवास वाले इलाके में कौन-कौन से प्रजाति के जीव, पेड़-पौधा हैं, उसके डाटा को भी इकट्ठा किया जाएगा. टाइगर एस्टीमेशन का पूरा डाटा पहली बार डिजिटल स्वरूप में होगा एवं एम स्ट्रिप इकोलॉजिकल एप पर अपलोड किया जाएगा. पूरे डाटा को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के माध्यम से वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट देहरादून को भेजा जाएगा. 29 जुलाई टाइगर डे पर टाइगर एस्टीमेशन की रिपोर्ट जारी की जाएग.