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झारखंड में राजद , कांग्रेस और झामुमो के संबंध में खटास के बीच, कांग्रेस खुद को मजबूत करने का काम कर रही

Jharkhand Desk: बिहार में झामुमो को सीट नहीं मिलने को लेकर एक नई राजनीति की सुगबुगुहात झारखंड में दिख रही है. इसी बीच कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने का काम तेज कर दिया है.
 
Jharkhand Politics
Jharkhand Desk: कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के चयन के विरोध का परिणाम क्या निकलेगा, यह तो भविष्य बताएगा, लेकिन कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने एक बीच का रास्ताअख्तियार करने का निर्णय लिया है. बिक्षुब्ध इससे कितना मानेंगे अथवा विरोध करते रहेंगे. यह तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन प्रदेश कमेटी ने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि जो लोग जिला अध्यक्ष की प्रक्रिया में शामिल थे. उन्हें और उनके समर्थकों को जिला समिति में तरजीह दी जाए.  
प्रदेश कांग्रेस सबको एक सूत्र में बांधने का कर रही कोशिश 
प्रदेश के इस निर्देश का जिला अध्यक्ष कितना पालन करेंगे और आगे क्या होगा, यह तो देखने वाली बात होगी. लेकिन यह बात भी सच है कि फिलहाल झारखंड में राजद , कांग्रेस और झामुमो के संबंध में खटास आ गई है और इस खटास के बीच कांग्रेस ने अपने को मजबूत करने का काम तेज कर दिया है. यह अलग बात है कि झारखंड में कांग्रेस अभी भी अपनी जमीन तलाश रही है. फिलहाल झारखंड में कांग्रेस कोटे के चार मंत्री है. झारखंड में तमाम उठा पटक के बीच कांग्रेस अपने को मजबूत करने में जुट गई है.  
25 जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर अभी भी विरोध चल रहा है
यह अलग बात है कि 25 जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर अभी भी विरोध चल रहा है. बावजूद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि सभी जिला कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन 25 नवंबर तक तथा जिला पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी का गठन 20 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए. नगर निकाय कमेटी के अध्यक्षों की घोषणा 10 नवंबर तक और नगर निकाय कमेटियों का गठन 30 नवंबर तक पूरा कर लेने को कहा गया है. प्रखंड स्तर के सभी बूथ लेवल एजेंट की सूची 5 दिसंबर तक जारी की जाएगी. 
कांग्रेस को भरोसा है कि यह तैयारी दूरगामी परिणाम देगा
 
कांग्रेस को भरोसा है कि यह तैयारी दूरगामी परिणाम देगा. दूसरी ओर कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि नवनियुक्त जिला अध्यक्षों की जिम्मेवारी है कि वह सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर एक मजबूत संगठन का निर्माण करे. जिन नेताओं ने जिला अध्यक्ष पद की चयन प्रक्रिया में भाग लिया था, उन्हें और उनके समर्थकों को भी संगठन में समुचित स्थान मिलना चाहिए. तभी संगठन सृजन का वास्तविक उद्देश्य पूरा होगा. फिलहाल बिहार में झामुमो को सीट नहीं मिलने को लेकर एक नई राजनीति की सुगबुगुहात झारखंड में दिख रही है. इसी बीच कांग्रेस ने अपने संगठन को मजबूत करने का काम तेज कर दिया है.