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शीतकालीन सत्र शुरू होने के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बयानों ने बढ़ाई गर्मी, श्रद्धांजलि देने के बाद सत्र की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

Jharkhand Desk: मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पहले एसआईआर फिर जनगणना उसके बाद डिलिमिटेशन होगा. ऐसे में झारखंड के आदिवासी यह जानना चाहता हैं कि यहां से जो सरना धर्म कोड पास करके लोकभवन भेजा गया और केंद्र सरकार उसे लटकाने का काम क्यूं कर रही है, उसका अब तक क्या हुआ. सिर्फ आदिवासी हितों की बात की जाएगी या उन्हें सरना धर्म कोड देकर उनके मान सम्मान की रक्षा की जाएगी.
 
JHARKHAND NEWS

Jharkhand Desk: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत शुक्रवार से हुई. सदन की कार्यवाही में भाग लेने आ रहे सदस्यों के लिए आव भाव से साफ पता चल रहा था कि यह सत्र खास होने वाला है. नाम के अनुरूप इस शीतकालीन सत्र का पहला दिन सर्दी का अहसास भले ही करा रहा था मगर सदस्यों के बयानों में छायी गर्माहट यह साफ संकेत दे रही थी कि सदन की कार्यवाही कैसे चलेगी.

ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने सदन के बाहर मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. मगर हम यह भी जानना चाहते हैं कि जिस सरना कोड को यहां से पास करने के बाद केंद्र को भेजा गया उसका क्या हुआ. उन्होंने कहा कि यह शीतकालीन सत्र काफी अहम है, जिसमें द्वितीय अनुपूरक के अलावा कई विधेयक भी आएंगे, सदस्यों के द्वारा जो जनहित के मुद्दे लाए जाएंगे उन पर भी चर्चा होगी.

मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि पहले एसआईआर फिर जनगणना उसके बाद डिलिमिटेशन होगा. ऐसे में झारखंड के आदिवासी यह जानना चाहता हैं कि यहां से जो सरना धर्म कोड पास करके लोकभवन भेजा गया और केंद्र सरकार उसे लटकाने का काम क्यूं कर रही है, उसका अब तक क्या हुआ. सिर्फ आदिवासी हितों की बात की जाएगी या उन्हें सरना धर्म कोड देकर उनके मान सम्मान की रक्षा की जाएगी.

जेएमएम विधायक स्टीफन मरांडी ने शीतकालीन सत्र को खास बताते हुए कहा कि विपक्ष के द्वारा सदन में किए गए सवाल का जवाब देने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है और सभी मंत्रियों को समुचित जवाब देने का निर्देश दिया गया है. भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस कार्यकाल का 1 साल हो चुका है, राज्य की जनता जानना चाहती है कि जो उनके साथ वादा किया गया था उसका क्या हुआ. निश्चित रूप से विपक्ष की ओर से सदन में सरकार से इस पर जवाब मांगा जाएगा.

11 दिसंबर तक चलेगा शीतकालीन सत्र

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चलेगा. शनिवार-रविवार को कार्य दिवस नहीं होने की वजह से शीतकालीन सत्र महज पांच दिनों का होगा. शीतकालीन सत्र को लेकर जारी संभावित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार 8 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन के पटल पर लाया जाएगा.

मंगलवार 9 दिसंबर को प्रश्न काल के अलावा द्वितीय अनुपूरक पर सदन में चर्चा होगी और वाद-विवाद के बाद सदन में द्वितीय अनुपूरक को पारित किया जायेगा. 9 दिसंबर को ही सदन में विनियोग विधेयक लाया जायेगा. 10 दिसंबर यानी बुधवार को सदन में प्रश्न काल के अलावा राजकीय विधेयक आयेगा. राजकीय विधेयक पर चर्चा के उपरांत इसे पारित किया जाएगा. यदि विधेयक की संख्या अधिक होगी तो 11 दिसंबर को सदन में इसे पेश किया जाएगा.