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बाबूलाल का हेमंत सरकार पर निशाना, कहा- सीएम हेमंत सोरेन ने फिर किया युवाओं के साथ विश्वासघात

Jharkhand Desk: उन्होंने कहा कि क्या हेमंत जी के दिल्ली में होने की वजह से तकनीकी सेटिंग ढंग से नहीं हो पाई या वास्तव में कोई समस्या उत्पन्न हुई? वजह जो भी इसमें आर्थिक और मानसिक नुकसान तो परीक्षा देने आए युवाओं को ही उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवा पिछले 6 सालों से हेमंत सरकार के साजिशों के कुचक्र में फंस चुका है. 
 
JHARKHAND POLITICS
उन्होंने कहा कि क्या हेमंत जी के दिल्ली में होने की वजह से तकनीकी सेटिंग ढंग से नहीं हो पाई या वास्तव में कोई समस्या उत्पन्न हुई? वजह जो भी इसमें आर्थिक और मानसिक नुकसान तो परीक्षा देने आए युवाओं को ही उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवा पिछले 6 सालों से हेमंत सरकार के साजिशों के कुचक्र में फंस चुका है. 

Jharkhand Desk: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएससीसी द्वारा आयोजित होने वाले झारखंड विशिष्ट एवं तकनीकी योग्यताधारी प्रतियोगिता परीक्षा को अचानक रद्द किए जाने को युवाओं के साथ राज्य सरकार का विश्वासघात बताया. उन्होंने कहा कि ‘हेमंत सोरेन जी ने युवाओं के साथ फिर वही किया, जो अब तक करते आए हैं- विश्वासघात!’

Jharkhand Politics: बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को निशाने पर लिया, पुलिस  की कार्यशैली पर उठाए सवाल - Babulal Marandi Slams Hemant Government Over  Police Inaction on Criminals

बाबूलाल का हेमंत सरकार पर निशाना

बाबूलाल ने कहा कि आज झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की झारखंड तकनीकी/ विशिष्ट योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित होनी थी, लेकिन कल अचानक से तकनीकी खामियों का हवाला देकर परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी

उन्होंने कहा कि क्या हेमंत जी के दिल्ली में होने की वजह से तकनीकी सेटिंग ढंग से नहीं हो पाई या वास्तव में कोई समस्या उत्पन्न हुई? वजह जो भी इसमें आर्थिक और मानसिक नुकसान तो परीक्षा देने आए युवाओं को ही उठाना पड़ा. उन्होंने कहा कि युवा पिछले 6 सालों से हेमंत सरकार के साजिशों के कुचक्र में फंस चुका है. 

पेपर लीक कर युवाओं का करियर बर्बाद किया जा रहा है और फिर उन्हें ही आरोपी बताकर बेगुनाही का सबूत मंगा जा रहा है. बाबूलाल ने कहा कि तत्काल खामियों को दूर कर अतिशीघ्र पारदर्शी ढंग से परीक्षा का आयोजन सुनिश्चित करें. साथ ही सभी अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र तक आने-जाने का खर्च भी सरकार वहन करे.