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पेसा कानून लागू होने पर केंद्रीय सरना समिति निकला आभार मार्च, CM हेमंत सोरेन ने कहा- गांव मजबूत होंगे तो झारखंड मजबूत बनेगा...

Ranchi: सीएम ने कहा कि राज्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई. जिसे कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचे गए, पर अंततः सच की जीत हुई. पेसा कानून जैसी बड़ी मांग अब धरातल पर उतरी है. हेमंत सोरेन ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि नए साल में 9–10 हजार युवाओं को नौकरी दी गई और पेसा कानून राज्य को सौंपा गया है...
 
PESA ACT

Ranchi: केंद्रीय सरना समिति की अगुवाई में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग आज रांची के मोरहाबादी मैदान में एकत्रित हुए. यहां से पैदल मार्च करते हुए सभी डॉ. रामदयाल मुंडा फुटबॉल मैदान, सिधु–कान्हू पार्क होते हुए मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. इस दौरान करमटोली स्थित आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास के विद्यार्थी भी ढोल, नगाड़ा और मांदर की थाप पर नाचते-गाते मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. जहां सभी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और पेसा कानून लागू करने को लेकर आभार जताया. 

पेसा कानून लागू होने पर केंद्रीय सरना समिति का आभार मार्च, CM बोले-गांव मजबूत होंगे तो झारखंड मजबूत बनेगा

मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा के लिए पूर्वजों ने लंबा संघर्ष किया. जल-जंगल-जमीन बचाने में कई लोगों ने फांसी की सजा मिली और जेलों में जान गंवानी पड़ी. अलग राज्य का सपना 30–40 वर्षों के संघर्ष के बाद साकार हुआ. लेकिन राज्य बनने के बाद भी बाहरी ताकतें हावी रहीं.

सीएम ने कहा कि राज्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई. जिसे कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचे गए, पर अंततः सच की जीत हुई. पेसा कानून जैसी बड़ी मांग अब धरातल पर उतरी है. हेमंत सोरेन ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि नए साल में 9–10 हजार युवाओं को नौकरी दी गई और पेसा कानून राज्य को सौंपा गया है. सीएम ने कहा कि कानून तभी सार्थक होगा, जब समाज जागरूक होगा. चालाक लोग आदिवासियों को ठग रहे हैं. जब तक आदिवासी समाज एकजुट नहीं होगा, तब तक कानून किताबों में ही सिमटा रहेगा. गांव मजबूत होंगे, तभी झारखंड मजबूत बनेगा.

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इस कानून से अब जल, जंगल और जमीन की रक्षा सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने कहा कि पेसा कानून लागू होने से आदिवासियों के राज्य से पलायन पर अंकुश लगेगा और ग्रामसभा को वास्तविक अधिकार प्राप्त होंगे. 

गांवों में होने वाले छोटे-बड़े विवाद अब ग्रामसभा के स्तर पर ही सुलझाए जा सकेंगे. अजय तिर्की ने कहा कि पेसा कानून आदिवासी समाज के लंबे संघर्ष का परिणाम है. यह कानून आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को मजबूत करेगा और ग्रामसभा को सशक्त बनाएगा.