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तीन हूटर बजते ही मच गई अफरातफरी, चक्रधर रेल मंडल के मुख्यालय में हुआ Mock Drill

Train Accident Mock Drill: सुबह 10:26 बजे जैसे ही 5 हूटर बजे, पूरे मंडल में अफरा-तफरी मच गयी. रेलकर्मी और अधिकारी तत्काल घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. स्टेशन पर उद्घोषणा की गयी कि गोइलकेरा-टाटानगर स्पेशल एक्सप्रेस दूसरी ट्रेन से टकरा गयी है. सूचना मिलते ही सभी विभाग सक्रिय हो गये.
 
MOCKDRILL

Train Accident Mock Drill: चक्रधरपुर रेल मंडल के रेलवे स्टेशन पर तीन हूटर बजते ही रेलवे स्टेशन पर अफरातफरी मच गई. रेलवे यार्ड में धुआं देख लोगों को कुछ नहीं समझ आया आखिर हुआ क्या. हालांकि यह कोई वास्तविक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि आपदा से बचने के लिए रेलवे द्वारा मॉकड्रिल था. जहां इस मॉकड्रिल में एक ट्रेन दुर्घटना का परिदृश्य बनाया गया. जिसमें पांच यात्रियों की मौत और आठ यात्री घायल होने की स्थिति दिखाई गई. घायलों में एक यात्री गंभीर रूप से घायल दिखाया गया. यात्रियों को ट्रेन की खिड़कियां काटकर बाहर निकाला गया और उन्हें अस्थाई मेडिकल कैंप में प्राथमिक उपचार कराया गया.

आपदा किसी भी समय आ सकती है. ऐसी स्थिति में तैयारी और तत्परता से हम जान-माल की क्षति को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इस मॉकड्रिल से कई अहम बातें सीखने को मिलीं.

तरुण हुरिया, डीआरएम

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5 हूटर बजते ही पूरे मंडल में मच गयी अफरा-तफरी

सुबह 10:26 बजे जैसे ही 5 हूटर बजे, पूरे मंडल में अफरा-तफरी मच गयी. रेलकर्मी और अधिकारी तत्काल घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े. स्टेशन पर उद्घोषणा की गयी कि गोइलकेरा-टाटानगर स्पेशल एक्सप्रेस दूसरी ट्रेन से टकरा गयी है. सूचना मिलते ही सभी विभाग सक्रिय हो गये.

डीआरएम तरुण हुरिया, अपर मंडल रेल प्रबंधक विनय कुजूर, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक आदित्य चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसके मिश्रा, वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता (टीआरडी) चंद्रशेखर, आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त पी शंकर कुट्टी, एनडीआरएफ-9 बटालियन के विनय कुमार, टीम कमांडर सरोज कुमार, संचार में सुजीत कुमार, टाटानगर रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार समेत 500 से अधिक रेलकर्मी व सुरक्षाकर्मी एवं राहत व बचाव दल के सदस्य राहत कार्य में जुट गये.

घटनास्थल पर एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन (एआरटी), क्रेन, पुलिस और चिकित्सा दल ने मोर्चा संभाला. गैस कटर से एसी कोच की खिड़की काटकर यात्रियों (डमी) को निकाला गया. करीब एक घंटे में एसी कोच से 64 और स्लीपर से 68 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सिविल डिफेंस के जवानों ने स्ट्रेचर बनाकर घायलों को चिकित्सा शिविर तक पहुंचाया. आग पर नियंत्रण के लिए फायर यूनिट ने प्रदर्शन किया.