झारखंड शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया गिरफ्तार

झारखंड में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में एक और अहम गिरफ्तारी हुई है। छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी झारखंड की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम द्वारा की गई है। जानकारी के अनुसार, उन्हें रायपुर की अदालत में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया जाएगा।
सिद्धार्थ सिंघानिया पर आरोप है कि उन्होंने मई 2022 में लागू की गई झारखंड की नई शराब उत्पादन नीति में सक्रिय भूमिका निभाई थी। यह नीति छत्तीसगढ़ मॉडल पर आधारित थी और उस समय के उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में लाई गई थी। सिंघानिया ने उस दौरान राज्य की शराब दुकानों में मैनपॉवर सप्लाई का ठेका लिया था।

हालांकि, बाद में जब विवाद गहराया और अनियमितताओं के आरोप लगे, तब राज्य सरकार ने उनकी प्लेसमेंट एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। शराब घोटाला उजागर होने के बाद से एसीबी लगातार सिंघानिया को पूछताछ के लिए समन भेज रही थी, लेकिन वे कभी हाजिर नहीं हुए। अंततः एसीबी ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेकर छत्तीसगढ़ में दबिश दी और उन्हें हिरासत में ले लिया।
यह झारखंड शराब घोटाले में अब तक की सातवीं बड़ी गिरफ्तारी है। इससे पहले एसीबी ने इस मामले में आईएएस अधिकारी एवं पूर्व प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, अभियानों के प्रभारी रहे सुधीर कुमार और प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन इनोवेटिव के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
फिलहाल सभी आरोपी रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में बंद हैं।