कोयलांचल : अवैध खनन के मुद्दे पर गरमाया सदन, विधायकों ने सरकार और कंपनियों को घेरा

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में कोयलांचल क्षेत्र में सरकारी और रैयती जमीन पर हो रहे अवैध खनन, ओबी डंपिंग और रैयतों पर हो रहे अत्याचार का मामला जोर-शोर से उठा। माले विधायक अरूप चटर्जी और चंद्रदेव महतो ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत यह मुद्दा सदन में रखते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार पर 136 करोड़ रुपये बकाया होने की बात तो करती है, लेकिन खुद अपनी जमीन पर जारी अवैध खनन को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
अरूप चटर्जी ने कहा कि जब रैयत अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें डराया-धमकाया जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अवैध कारोबार राजनीतिक और पुलिस संरक्षण में फल-फूल रहा है। उन्होंने कोल इंडिया पर भी सरकारी जमीन पर अवैध खनन करने का आरोप लगाया।
वहीं, विधायक सरयू राय ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोल कंपनियां नदियों में ओबी डंपिंग कर रही हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। जयराम महतो ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कोयलांचल का हर विधायक इस समस्या से परिचित हैं, लेकिन स्थिति यह हो गई है कि यहां लोकतंत्र की जगह "लठैत तंत्र" हावी हो गया है। उन्होंने देवप्रभा कंपनी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रशासन उनका सहयोगी नहीं, बल्कि प्रशासन ही उनका हिस्सा बन चुका है।

भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने मामले की गंभीरता को स्वीकारते हुए उचित जांच की जरूरत बताई। इस मुद्दे को लेकर कई विधायकों ने विधानसभा की विशेष कमिटी से जांच कराने की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने इस विषय पर कमिटी गठित करने का आश्वासन दिया और कहा कि उचित निर्णय लेकर सदन को सूचित किया जाएगा।