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झारखंड में पड़ रही हाड़ कंपाने वाली ठंड, झारखंड में शीतलहर का अलर्ट...आज 6 जिलों में पड़ेगी कड़कड़ाती सर्दी...

Jharkhand Weather Today: रांची मौसम केंद्र के मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिम विक्षोभ का एक बार फिर से बढ़िया असर देखने को मिल रहा है. जिस कारण न्यूनतम तापमान में एक साथ 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है...
 
Winter 2025

Jharkhand Weather Today: झारखंड में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ रही है. उत्तर-पश्चिम से आ रही है उत्तरी हवाओं की वजह से न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री से ज्यादा की कमी दर्ज हुई है. राजधानी रांची में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. यहां का न्यूनतम पारा 5.3 डिग्री पहुंच गया. राज्य में नौ जिले ऐसे हैं, जहां का न्यूनतम पारा 10 डिग्री से भी नीचे रिकॉर्ड हुआ है.

मौसम केंद्र, रांची की ओर से 17 दिसंबर की सुबह जारी रिपोर्ट के मुताबिक रांची के बाद गुमला का न्यूनतम पारा 5.7 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है. वहीं खूंटी में 6.8 डिग्री, डाल्टनगंज में 7.9 डिग्री, सिमडेगा में 8.1 डिग्री, हजारीबाग में 9.1 डिग्री, लोहरदगा में 9.3 डिग्री, बोकारो में 9.5 डिग्री और लातेहार में 9.7 डिग्री पर पारा पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे के भीतर बोकारो के न्यूनतम तापमान में सबसे ज्यादा 2.8 डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज हुई है.

मौसम केंद्र के मुताबिक राहत की बात है कि रात के बाद कड़ाके की ठंड के बीच दिन के वक्त खिली धूप की वजह से अधिकतम तापमान भी बढ़ा हुआ है. चाईबासा में सबसे ज्यादा 28.0 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ है. वहीं सरायकेला में 27.3 और पूर्वी सिंहभूम का अधिकतम पारा 27.2 डिग्री रहा है. सिर्फ गुमला, कोडरमा, हजारीबाग और लातेहार ऐसे जिले हैं जहां का अधिकतम पारा 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे है. इन जिलों में दिन के वक्त भी ठिठुरन महसूस हो रही है.

मौसम केंद्र का पूर्वानुमान है कि अगले 22 दिसंबर तक सुबह के वक्त मध्यम दर्जे का कोहरा देखने को मिल सकता है. लेकिन दिन के वक्त आसमान साफ रहेगा. पिछले 24 घंटे में कई जिलों में अधिकतम तापमान में सामान्य से 1 से 3 डिग्री तक की कमी आई है.

वहीं कड़ाके की ठंड को देखते हुए किसान भाइयों के लिए भी कुछ जरूरी सुझाव साझा किये गये हैं. मसलन, सुबह के वक्त खड़ी सब्जियों और फसलों में हल्की सिंचाई करने का सुझाव दिया गया है. कम तापमान की वजह से खराब अंकुरण से बचने के लिए सब्जियों की नर्सरी के ऊपर कम लागत वाले पॉलिथीन कवर का इस्तेमाल बेहतर साबित होगा. साथ ही हाल में बोई गई रबी की फसलों और नये पौधों को नमी के तनाव से बचाने के लिए पर्याप्त सिंचाई करनी चाहिए.