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झारखंड में हाड़ कंपाने वाली ठंड का कहर जारी, 12 जिलों में कोहरे को लेकर अलर्ट..अभी ठंड से झारखंड वालों को कोई राहत नहीं...

Jharkhand Weather Update: साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को लेकर मौसम केंद्र ने विशेष चेतावनी जारी की है. राज्य के 12 जिलों, जिनमें गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और संथाल परगना के जिले शामिल हैं, वहां घने कोहरे को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है...
 
Jharkhand Weather Today

Jharkhand Weather Update: झारखंड में शीतलहर कम होने का नाम नहीं ले रहा. राज्य में तापमान तेजी से नीचे गिर रहा है. न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री तक नीचे आ चुका है. राजधानी रांची सहित खूंटी, लोहरदगा और गुमला जैसे जिलों में शीतलहर ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.

वर्तमान में राज्य में ‘ला नीना’ प्रभाव के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिसका असर तापमान पर साफ दिख रहा है. पिछले 24 घंटों के दौरान लोहरदगा में न्यूनतम तापमान गिरकर 2.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है. वहीं पलामू में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि राज्य के अन्य पांच जिलों में यह 10 डिग्री से नीचे बना हुआ है.

उत्तर से आने वाली बर्फीली हवाओं के कारण न केवल रातें ठंडी हो रही हैं, बल्कि दिन में भी लोगों को कनकनी का सामना करना पड़ रहा है. पलामू, कोडरमा, हजारीबाग और पाकुड़ जैसे जिलों में अधिकतम तापमान 16 से 18 डिग्री के बीच सिमट गया है, जिससे दोपहर में भी धूप बेअसर साबित हो रही है.

साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को लेकर मौसम केंद्र ने विशेष चेतावनी जारी की है. राज्य के 12 जिलों, जिनमें गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह और संथाल परगना के जिले शामिल हैं, वहां घने कोहरे को लेकर ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है. कोहरे और शीतलहर के इस दोहरे हमले ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को भी बढ़ा दिया है. रांची स्थित रिम्स के ओपीडी में सर्दी-खांसी और श्वसन तंत्र से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों की संख्या में तीन से चार गुना वृद्धि देखी जा रही है. पहले जहां रोजाना औसतन 10 मरीज आते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 40 तक पहुंच गई है.

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, आने वाले 10 दिनों तक ठंड का यह प्रकोप जारी रहने की संभावना है. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस मौसम को हल्के में न लें और केवल जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें. विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को बर्फीली हवाओं से बचाने की जरूरत है, क्योंकि यह मौसम संक्रमण और अन्य बीमारियों के लिए बेहद संवेदनशील है. प्रशासन ने भी लोगों से अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेने की अपील की है ताकि शीतघात जैसी स्थितियों से बचा जा सके.