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बालू के अवैध खनन व ढुलाई पर लगे रोक के बावजूद, धड़ल्ले से दौड़ रहीं अवैध बालू लदी गाड़ियां...हाइकोर्ट का आदेश भी बेअसर

Jharkhand Desk: शहर कोई भी हो लेकिन बालू की ढुलाई लगभग हर शहर में धरल्ले से हो रही है. रात के आठ बजे के बाद मेन-मेन सड़कों पर बालू की ढुलाई हो रही है. दर्जनों ट्रकों में बालू लोड कर पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. इससे राज्य सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हो रहा है.
 
JHARKHAND NEWS

Jharkhand Desk: शहर कोई भी हो लेकिन बालू की ढुलाई लगभग हर शहर में धरल्ले से हो रही है. रात के आठ बजे के बाद मेन-मेन सड़कों पर बालू की ढुलाई हो रही है. दर्जनों ट्रकों में बालू लोड कर पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश भेजा जा रहा है. इससे राज्य सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व की क्षति हो रहा है.   

हाइकोर्ट और डीजीपी के सख्त आदेश के बावजूद धड़ल्ले से बालू की ढुलाई हो रही है. तमाड़ से लेकर नामकुम थाना क्षेत्र तक बालू लोड हाइवा और ट्रकों की अवैध आवाजाही बेखौफ जारी है. हाइकोर्ट का आदेश है कि बिना तिरपाल से ढंके लोहा, कोयला, बालू और पत्थर लादे वाहन सड़क पर न चलें. यह आदेश 11 अगस्त 2025 को दायर पीआइएल ‘खुशीलाल महतो एवं अन्य बनाम झारखंड राज्य’ में दिया गया था.

अदालत की जानकारी अपर महाधिवक्ता-2 सचिन कुमार ने 14 अगस्त को डीजीपी अनुराग गुप्ता को पत्र भेजकर दी थी. इसके बाद डीजीपी ने 21 अगस्त को तमाम जिलों के एसपी और रांची एसएसपी को निर्देश जारी किये थे. थाना प्रभारी और एसडीपीओ तक हिदायत पहुंची, मगर नतीजा सिफर रहा. तमाड़ से सामलौंग चौक (नामकुम थाना क्षेत्र) की दूरी लगभग 53 किलोमीटर है. इस रूट पर पुलिस के छह चेक पोस्ट हैं, फिर भी रात 11:00 बजे से तड़के 05:00 बजे तक रोजाना 150 ट्रक और हाइवा बालू लादकर पार कर जाते हैं. किसी गाड़ी पर तिरपाल नहीं रहता.

एनजीटी के आदेश पर 15 अक्तूबर तक बालू खनन पर रोक है और सभी घाटों के टेंडर भी नहीं हुए हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि यह बालू कैसे ढोया जा रहा है? तमाड़ से सामलौंग चौक के बीच तमाड़ पुलिस, बुंडू पुलिस और दशमफॉल पुलिस की गश्ती गाड़ी तैनात रहती है. नामकुम थाना क्षेत्र में तीन अलग-अलग जगहों पर नामकुम पुलिस की तीन गाड़ियां रहती हैं. इसके बावजूद बालू की अवैध ढुलाई का काम धड़ल्ले से जारी है.