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सावन की तीसरी सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजा परिसर

 
सावन की तीसरी सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंजा परिसर

सावन माह की तीसरी सोमवारी पर राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। अलसुबह से ही श्रद्धा से ओतप्रोत भक्तों की लंबी कतारें मंदिर की 468 सीढ़ियों पर दिखाई दीं, जो ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के उद्घोष के साथ भगवान शिव के दर्शन के लिए उमंग से भरे हुए थे। भक्तों ने अपने साथ लाया गंगाजल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर भोलेनाथ का विधिवत जलाभिषेक किया। लोगों ने अपने परिवार की सुख-शांति, स्वास्थ्य और मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना की।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन की तीसरी सोमवारी का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव जलाभिषेक से शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी परेशानियों का निवारण करते हैं। इस वर्ष सावन में कुल चार सोमवारी हैं, जिनमें से यह तीसरी थी और इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर पहुंचे।

श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए थे। मंदिर प्रांगण से लेकर मुख्य मार्गों तक सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखी गई थी। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई थी, साथ ही बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष सहूलियतें प्रदान की गईं। स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिस बल और सफाईकर्मियों को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया।

सभी आयु वर्ग के लोग, चाहे बच्चे हों, महिलाएं हों, बुजुर्ग हों या युवा, इस दिन श्रद्धा के साथ मंदिर में पहुंचे। कुछ भक्त कांवर लेकर आए थे तो कुछ ने दूर-दराज से पैदल यात्रा कर मंदिर में हाजिरी दी। मंदिर परिसर में विशेष पूजा-पाठ, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ, जिससे माहौल भक्तिमय बना रहा।

मंदिर समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि तीसरी सोमवारी पर भक्तों की संख्या अन्य सोमवारी की तुलना में कहीं अधिक होती है। इसलिए दर्शन व्यवस्था, साफ-सफाई और जल वितरण जैसी सुविधाओं को बेहतर बनाया गया था। मंदिर की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई थी और जगह-जगह जलपान व प्राथमिक उपचार केंद्र भी लगाए गए थे।