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धर्माबांध हिंसा: सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर षड्यंत्र का आरोप, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिये जांच के आदेश

धर्माबांध के हिलटॉप आउटसोर्सिंग में गुरुवार को हुई हिंसक झड़प के बाद सियासत गर्म है। गिरिडीह से आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने समर्थकों को भड़काकर इस घटना को अंजाम दिलाया। पुलिस ने सांसद के खिलाफ षड्यंत्रकारी भूमिका निभाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की है।

धर्माबांध ओपी प्रभारी कमलेश कुमार की शिकायत पर पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। एफआईआर में कहा गया है कि सांसद ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर इस घटना को अंजाम दिया।

सीएम सोरेन ने दिए जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस हिंसा की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने घायल एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह के पिता अशोक सिंह से वीडियो कॉल पर बात कर उनकी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। जरूरत पड़ी तो एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए भेजा जाएगा।

घायल एसडीपीओ की हालत में सुधार
एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह का इलाज दुर्गापुर के मिशन अस्पताल में चल रहा है। डॉक्टरों ने गुरुवार रात उनका ऑपरेशन किया, जिसके बाद उनकी स्थिति में सुधार है। वे अब बातचीत भी कर रहे हैं। पुलिस की टीम अस्पताल में तैनात है और वरीय अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने भी अस्पताल जाकर एसडीपीओ का हालचाल लिया।

100 से अधिक लोगों पर केस दर्ज
पुलिस ने घटना में शामिल हिलटॉप के मालिक अशोक अग्रवाल और बीसीसीएल एरिया-3 के जीएम गणेश चंद्र साहा पर भी आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। एफआईआर में झामुमो नेता कारू यादव, उनकी पत्नी और बेटे समेत 62 लोगों तथा दूसरे पक्ष से वकील शेख खालिद समेत 63 लोगों को नामजद किया गया है। दोनों पक्षों पर मारपीट, पत्थरबाजी, बमबाजी, फायरिंग और आगजनी के आरोप हैं।

सांसद चौधरी का बयान
सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बीसीसीएल जीएम की कारस्तानी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना एग्रीमेंट और एनओसी के हड़बड़ी में आउटसोर्सिंग चालू कराई गई, जिसका उद्देश्य कोयला चोरी था। सांसद ने कहा कि वह हर साल रैयतों को न्याय दिलाने के लिए खड़े रहेंगे।

बताते चलें कि एसएसपी ने धर्माबांध ओपी प्रभारी के बाद मधुबन थाना प्रभारी पिकू प्रसाद को भी निलंबित कर दिया। हिंसा के मामले में 17 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से 5 को जेल भेजा गया है। वहीं, गोली से घायल सुभाष सिंह को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है।