थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए आयोजित की गयी दीवाली मिलन समारोह, एक छोटी सी कोशिश इन बच्चों के चेहरे पर खुशियां लाने की
Jharkhand Desk: बीमारी चाहे जो भी हो खासकर छोटे बच्चों में ये कमी उनसे उनका बचपन, नार्मल लाइफ यहांतक की उनका आत्मबल तक छीन लेता है. ऐसी स्थिति में बच्चों के साथ साथ मां बाप भी उतने ही सफर करते हैं जितना वो पीड़ित बच्चा करता है. समाज में बड़ी संख्या वैसे लोगों की है जो ब्लड संबंधित जेनेटिकल डिसऑर्डर की बीमारियों जैसे थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे बच्चों को दो पल की खुशी देने की पहल झारखंड थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन की ओर से की गयी.
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बार बार ब्लड, प्लेटलेट्स और फैक्टर चढ़ाने के दौरान होने वाले दर्द को सहने, खेलने-कूदने से लेकर कई कामों की बंदिशें सहने वाले ब्लड डिसऑर्डर के शिकार लोगों के चेहरे पर खुशियां लाने की एक कोशिश के तहत आज पुरानी विधानसभा सभागार में दीवाली मिलन सह परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में राज्य के अलग अलग जिलों से आये थैलेसीमिया पीड़ित लोगों ने भाग लिया.
झारखंड थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान थैलसेमिक लोगों को रेलवे द्वारा दिया जाने वाला पास भी वितरित किया गया. आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए पूर्व मंत्री एवं झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने रक्त विकार से जूझ रहे लोगों के समुचित इलाज की व्यवस्था झारखंड में ही उपलब्ध कराने की बात कही. इस कार्यक्रम में राजद नेता कैलाश यादव सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की.

झारखंड थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन के संस्थापक नदीम खान ने कहा कि राज्य में करीब 12 हजार ऐसे मरीज हैं जो थैलीसीमिया, सिकल सेल एनीमिया और अप्लास्टिक एनीमिया से ग्रसित हैं. लेकिन राज्य की सरकार सुविधाएं प्रदान नहीं करती है. पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में जहां ब्लड डिसऑर्डर की बीमारी के इलाज के लिए 15 लाख रुपये तक की राशि दिया जाता है तो झारखंड में शून्य है.
रांची की सोनम, सतीश, हजारीबाग की प्रीति और रामगढ़ के ब्रजेश जैसे मरीजों के परिजनों ने बताया कि आज दीवाली मिलन समारोह से निश्चित रूप से उनके चेहरे पर खुशियां आयी हैं. लेकिन सच्ची खुशियां तब आएगी जब उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान होगा.

थैलसीमिक मरीजों के हितों के लिए संघर्ष करूंगा
आज के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए पूर्व शिक्षा मंत्री प्रदीप यादव ने कहा कि वह पहले से भी राज्य में थैलसीमिक मरीजों के हित की आवाज उठाते रहे हैं. इस संबंध में जल्द ही वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मिलेंगे.







