मेरा टीवी फिल्म फेस्टिवल में रचनात्मकता की चमक, 9 शॉर्ट फिल्में और 4 डॉक्यूमेंट्रीज़ की स्क्रीनिंग
Ranchi: राजधानी रांची में आयोजित ‘मेरा टीवी फिल्म फेस्टिवल’ ने झारखंड की फिल्म और कला की दुनिया में नई ऊर्जा भर दी है. इस आयोजन में कई बायोपिक और रीजनल फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई, जिनमें स्थानीय विषयों, कहानियों और झारखंड की संस्कृति को केंद्र में रखा गया था. फेस्टिवल में बड़ी संख्या में दर्शकों, कलाकारों और फिल्म निर्माताओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर फिल्म यूनिट और निर्माताओं की ओर से बनाए गए विशेष स्टॉल भी लगाए गए, जहां कलाकारों और दर्शकों के बीच सीधा संवाद हुआ.
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फिल्म फेस्टिवल का मुख्य उद्देश्य झारखंड के उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच उपलब्ध कराना था. आयोजकों का मानना है कि राज्य में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म की कमी के कारण कई प्रतिभाएं सीमित रह जाती हैं. ऐसे आयोजन न केवल कलाकारों को मौका देते हैं, बल्कि स्थानीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए नए द्वार भी खोलते हैं.
फेस्टिवल में जो फिल्में प्रदर्शित की गईं उनमें झारखंड की लोक कथाएं, सामाजिक मुद्दे, जनजातीय संस्कृति, ग्रामीण जीवन और नई पीढ़ी की कहानियों को प्रमुखता से दिखाया गया. दर्शकों ने भी इन फिल्मों को काफी सराहा. कई फिल्मों को उच्च तकनीक, कहानी और अभिनय के लिए विशेष प्रशंसा मिली. इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि झारखंड के कलाकार किसी भी स्तर पर मुकाबला करने की क्षमता रखते हैं.
आयोजकों का कहना है कि इस फेस्टिवल के माध्यम से झारखंड की फिल्मों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है. उनका मानना है कि अगर राज्य सरकार, फिल्म संस्थान और निजी प्रोडक्शन हाउस मिलकर काम करें, तो आने वाले समय में झारखंड फिल्म इंडस्ट्री को एक नई पहचान मिल सकती है.

फेस्टिवल में शामिल स्थानीय कलाकार भी इस आयोजन से बेहद उत्साहित दिखे. उनका कहना था कि इस तरह के कार्यक्रम उन्हें न सिर्फ एक्सपोजर देते हैं, बल्कि करियर को आगे बढ़ाने में नई संभावनाएं भी खोलते हैं. कई नए अभिनेताओं, निर्देशकों और तकनीकी विशेषज्ञों ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने काम को बड़े मंचों पर पेश किया.
कुल मिलाकर, ‘मेरा टीवी फिल्म फेस्टिवल’ ने रांची को फिल्म कला के एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है. ऐसे आयोजन न केवल स्थानीय कलाकारों को सशक्त करते हैं, बल्कि झारखंड की फिल्मों को नई उड़ान देने का भी काम करते हैं.







