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पूर्व आईपीएस राजीव रंजन ने भाजपा से दिया इस्तीफा, पार्टी पर लगाया परिवारवाद का आरोप

पूर्व पुलिस अधिकारी राजीव रंजन सिंह ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आज उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को एक पत्र के माध्यम से दी। पत्र में उन्होंने लिखा कि डेढ़ साल पहले संघ की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन अब इन नीतियों और आदर्शों को टूटते देखना उनके लिए बेहद दुखद है। इसी वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।

राजीव रंजन ने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नहीं जुड़ा है, बल्कि पार्टी में परिवारवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब अपनी मूल विचारधारा से भटक चुकी है, और वे इस स्थिति से बेहद निराश हैं। साथ ही, उन्होंने उन अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी जिक्र किया, जिन्होंने पार्टी छोड़ने का साहस दिखाया है।

राजीव रंजन ने कहा कि वे राजनीति में आकर बदलाव लाने की सोच रखते थे, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सके। अब वे स्वतंत्र रूप से समाज की सेवा में काम करते रहेंगे।

सूत्रों की मानें तो राजीव रंजन को जमशेदपुर पश्चिम सीट से चुनावी टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह सीट जदयू के हिस्से में चली गई, जहां सरयू राय और कांग्रेस के बन्ना गुप्ता के बीच मुकाबला होगा। टिकट न मिलने पर उन्होंने कहा कि वे थोड़े निराश हैं, लेकिन इससे विचलित नहीं। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में उन्होंने जमशेदपुर पश्चिम क्षेत्र में काफी काम किया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन पर भरोसा नहीं जताया। अब यह भाजपा पर निर्भर करता है कि वह पढ़े-लिखे नेताओं को विधानसभा में भेजना चाहती है या नहीं।